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अब संभव हो सकेगा ऑस्टियोआर्थराइटिस का इलाज, शोधकार्ताओं ने खोजे 9 नए जीन

Published: Mar 22, 2018 06:42:29 pm

Submitted by:

dilip chaturvedi

ओस्टियोआर्थराइटिस अधिकतर घुटनों, कूल्हों, हाथों, और पैरों में होता है और यह महिलाओं में आम समस्या है…

osteoarthritis

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ओस्टियोआर्थराइटिस आर्थराइटिस का ही एक प्रकार है, जिसमें एक या अधिक जोड़ों के कार्टिलेज (उपास्थि) या तो टूट जाते हैं या धीरे-धीरे घिस जाते हैं। कार्टिलेज वह चिकना ऊतक होता है, जो किसी जोड़ में हड्डी के अंतिम सिरे को ढके हुए रहता है। जब कार्टिलेज की मात्रा कम हो जाती है, तो हड्डियां आपस में टकराने लगती हैं। इससे न सिर्फ असहनीय दर्द होती है, बल्कि हड्डियों के आपस में टकराने से जॉइंट को नुकसान पहुंचने की संभावना भी बढ़ जाती है। ओस्टियोआर्थराइटिस अधिकतर घुटनों, कूल्हों, हाथों, और पैरों में होता है और यह महिलाओं में आम समस्या है।

शोधकर्ताओं की मानें, तो ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए कोई इलाज नहीं है। लेकिन हाल ही ओस्टियोआर्थराइटिस पर की गई रिसर्च के बाद जो नजीजे सामने आए हैं, उससे यह माना जा रहा है कि भविष्य में इसका बेहतर इलाज संभव हो सकेगा। फिलहाल जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी से इस बीमारी के दर्द से राहत पाई जा सकती है, लेकिन इसके परिणाम स्थाई नहीं होते हैं।

गौरतलब है कि पिछले दिनों शोधकर्ताओं ने ऑस्टियोआर्थराइटिस के पीछे आनुवंशिकी की जांच की, साथ ही इसके साथ जुड़े रोगों और लक्षणों का भी पता लगाया। इस दौरान शोधकर्ताओं ने ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए नौ नए जीन की खोज की है, जो भविष्य में इस दुर्बल बीमारी के बेहतर इलाज के लिए दरवाजे खोलते हंै। बता दें कि ऑस्टियोआर्थराइटिस से संबंधित 9 जीन्स में शोधकर्ताओं ने पांच जीन की पहचान कर ली है, जो विशेष रूप से स्वस्थ और रोगग्रस्त ऊतकों से काफी अलग हैं। इसके अलावा बाकी नए जीन पर भविष्य में रिसर्च की जाएगी, जिससे बेहतर इलाज की खोज की जा सके। शेफील्ड विश्वविद्यालय एलनी जेंगिन जो इस अध्ययन के सह-लेखक है ने कहा, “इस शोध से हमें जो परिणाम मिले हैं, वह ऑस्टियोआर्थराइटिस के आनुवांशिक कारणों को समझने के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इससे हमें न सिर्फ रोग होने के पीछे के लक्षणों को उजागर करने में मदद मिलेगी, बल्कि हम रोग को पहचानने के और करीब जाएंगे।

जर्नल प्रकृति आनुवांशिकी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने ऑस्टियोआर्थराइटिस के पीछे आनुवंशिकी की जांच की, साथ ही इसके साथ जुड़ी बीमारियों और लक्षण को भी जाना। रिसर्च टीम ने 16.5 मिलियन डीएनए की विविधताओं का अध्ययन किया। इसके अलावाऑस्टियोआर्थराइटिस के 30,727 लोगों के साथ करीब 300,000 ऐसे लोगों को शामिल किया, जो ऑस्टियोआर्थराइटिस से ग्रस्त नहीं थे। इसमें वैज्ञानिकों ने नौ नए जीन की खोज की है, जो ऑस्टियोआर्थराइटिस के साथ जुड़े थे।

शोधकर्ताओं ने बाद में ऑस्टियोआर्थराइटिस में नौ नए जीनों की भूमिका की जांच की और नॉर्मल कार्टिलेज के साथ उनका अध्ययन किया, जो डिसीज कार्टिलेज का जॉइंट रीप्लसेमेंट करा रखा था। टीम ने जीन्स को देखकर हेल्दी ऊतक और रोगग्रस्त ऊतकों की प्रोग्रेस का अध्ययन किया, जिससे ऊतकों की सक्रियता का पता चला। साथ ही ऊतकों में प्रोटीन व आरएनए अनुक्रमण का अध्ययन किया।

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