करीब 100 रोबोटिक सर्जरी कर चुकीं कल्पना ने कहा, “आमतौर पर हेड एवं नेक सर्जरी में बड़े चीरे लगाने पड़ते हैं, लेकिन रोबोटिक सर्जरी में इसकी जरूरत नहीं होती। रोबोटिक सर्जरी के लिए सर्जन रोबोट को कमांड देता है और रोबोटिक आम्र्स इन कमांड को फॉलो करती हैं। सर्जन की कलाई, कंधे, कोहनी एक निश्चित सीमा तक ही घूम सकते हैं, जबकि रोबोटिक आम्र्स 360 डिग्री मूवमेन्ट कर सकती है। वे मरीज के शरीर के ऐसे हिस्सों तक आसानी से पहुंच सकती हैं, जहां सर्जन के हाथ नहीं पहुंच पाते। रोबोटिक आम्र्स पांच मिलीमीटर जैसी छोटी सी जगह तक पहुंच कर भी मुश्किल सर्जरी को सफलतापूर्वक और पूरी सटीकता के साथ पूरा करती है।”
उन्होंने कहा, “मेडिकल रोबोट मुश्किल और पारम्परिक सर्जरी के लिए बेहतरीन विकल्प है। इसका इस्तेमाल ओपन एवं लैप्रोस्कोपिक दोनों तरह की सर्जरियों की जगह किया जा सकता है। ट्रांसोरल (मुंह के जरिए) रोबोटिक सर्जरी मिनीमल इनवेसिव होती है। इसमें मरीज जल्दी ठीक हो जाता है और इसके साईड इफेक्ट्स भी कम होते हैं।”
रोबोटिक ईएनटी सर्जरी के फायदों के बारे में बताते हुए डॉ. कल्पना ने कहा, “रोबोटिक सर्जरी 10 गुना मैग्निफिकेशन के साथ 3 डी बाइनोकुलर विजन देती है, इसमें सॉफ्टवेयर फिल्टर्स की मदद से अंगुलियों के कंपन की संभावना खत्म हो जाती है, इसमें पीठ या कंधे को बेवजह घुमाने की जरूरत नहीं पड़ती।” उन्होंने कहा, “मरीज भी सर्जरी के बाद जल्दी ठीक होता है, क्योंकि इसमें छोटा चीरा लगाया जाता है, जिसके कारण खून बहने की संभावना कम होती है। मरीज को खून चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ती। मरीज को सर्जरी के बाद अस्पताल में कम समय के लिए रुकना पड़ता है, जिससे इलाज का खर्च भी कम हो जाता है। कॉस्मेसिस इसका एक और फायदा है, जिसके चलते आज बड़ी संख्या में मरीज रोबोटिक सर्जरी का विकल्प चुन रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि हेड एंड नेक सर्जरी के ऐसे कई प्रकार हैं, जिन्हें रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी की मदद से सफलतापूर्वक किया जा सकता है। रोबेटिक्स का इस्तेमाल सिर और गर्दन की इन बीमारियों के इलाज के लिए किया जा सकता है। खर्राटे और ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया, थॉयरॉइड सर्जरी, पैराथॉयरॉइड सर्जरी, नेक डाईसेक्शन, मुंह, ओरोफैरिंक्स और लैरिंक्स में ट्यूमर, रेकरेंट नैसोफेरिंजियल कैंसर, हीमेंजियोमा, लिंगुअल थॉयरॉइड, फ्लॉपी एपीग्लॉटिस, इलेंगोटेड स्टायलॉइड प्रोसेस (ईगल्स सिंड्रोम) और गले के निचले हिस्से में सिस्ट ट्रांसोरल। रोबोटिक सर्जरी आज ओरोफेरिंक्स एवं सुप्राग्लोटिस में कैंसर या नॉन-कैंसर ट्यूमर के इलाज के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है।
डॉ. कल्पना ने कहा कि ट्रांसोरल रोबोटिक सर्जरी के बाद जबड़ा, फीडिंग ट्यूब काटने की जरूरत नहीं होती, इसके अलावा पारम्परिक सर्जरी के विपरीत इसमें मरीज को खून चढ़ाने या ट्रैकियोस्टोमी की आवश्यकता भी नहीं होती।