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श्वसन रोग और संक्रमण दूर करती है सॉल्ट थैरेपी, जानें इसके बारे में

Published: Oct 05, 2017 03:23:35 pm

साइनुसाइटिस, एलर्जी, अस्थमा व श्वास संबंधी रोगों में यह थैरेपी उपयोगी है। रोग की स्थिति के अनुसार नमक के दाने का आकार तय करते हैं।

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साइनुसाइटिस, एलर्जी, अस्थमा व श्वास संबंधी रोगों में यह थैरेपी उपयोगी है। रोग की स्थिति के अनुसार नमक के दाने का आकार तय करते हैं।

सॉल्ट थैरेपी या हेलोथैरीपी,दवा रहित व नैचुरल थैरेपी है। इसमें व्यक्ति को नमक की दीवारों व फर्श के बीच रखते हैं। इस नमक को रोगी की बॉडी धीरे-धीरे अवशोषित करती है। साइनुसाइटिस, एलर्जी, अस्थमा व श्वास संबंधी रोगों में यह थैरेपी उपयोगी है। रोग की स्थिति के अनुसार नमक के दाने का आकार तय करते हैं।

नमक में ये गुण
थैरेपी में प्रयोग हुए नमक में कैल्शियम, सोडियम व मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं। व्यक्ति की उम्र और स्थिति के अनुसार थैरेपी की समय अवधि तय करते हैं। रोग की एक्यूट अवस्था में इसे प्रयोग में नहीं लेते हैं। नमक खराब पाचन के उपचार में काफी प्रभावी होता है। ये एक औषधि की तरह काम करता है जिससे पाचन में सुधार आता है। ये आपके भूख और गैस में भी राहत देता हैं। नमक खाने से आपके शरीर के खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स को फिर से भरता है और पीएच स्तर को नियंत्रित रखता है।

ये रक्त परिसंचरण को उत्तेजित करता है और शरीर में मौजूदा गंदगी और टॉक्सिक मिनरल्स को बहार निकाल देता है। नमक कई दाद और कीड़े के काटे हुए और गाठिया के दर्द से रोगों के उपचारो से निजात दिलाता है। ये हर घरों में पाया जाता हैं। आप शायद इस तथ्य को जानकर चौंक जाएं कि नमक वजन कम करने में मदद करता हैं। ये शरीर के फैट सेल्स को कम कर देता है। जब सेंधा नमक नींबू के रस के साथ लिया जाता है तो पेट के कीड़ो से आराम मिलता है और उल्टियों को भी रोकता है।

कई हैं फायदे :
थैरेपी लेने के दौरान नमक के कण सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंचते हैं जिससे संक्रमण के साथ समस्या में राहत मिलती है। इस थैरेपी का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। त्वचा संबंधी, टॉन्सिलाइटिस या फायब्रॉइड्स की समस्या में भी यह लाभदायक है। 45 मिनट की इस थैरेपी में कमरे में नमी और तापमान (18-22 डिग्री सेल्सियस) समुद्री स्थान जैसा होता है।
गर्भवती महिलाएं भी इसका फायदा उठा सकती हैं।
सॉल्ट थैरेपी के बाद व्यक्ति ताजगी महसूस करता है।
त्वचा पर होने वाले छोटे-मोटे निशान दूर होने के बाद त्वचा चमकदार बन जाती है।

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