चिकनगुनिया –
ये रोग आमतौर पर मच्छरों के काटने से फैलता है। इसमें रोगी को 104 डिग्री तक बुखार आता है। चिकनगुनिया से पीड़ित रोगी के जोड़ों में दर्द होना सबसी बड़ी समस्या है। इसके शुरुआती लक्षणों में रोगी को तेज बुखार, शरीर में सूजन, सर्दी-खांसी आदि समस्याएं होती हैं। रोगी का मुंह खराब रहता है और किसी भी चीज का स्वाद मालूम नहीं होता है।
एेसे करें बचाव-
मच्छरों के काटने से बचें,लंबी आस्तीन वाले शर्ट-पैंट पहनें, चिकनगुनिया के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
मलेरिया-
मलेरिया मादा एनोफेलीज मच्छर के काटने से होने वाले रोग है। इसमें रोगी के शरीर में तेज कंपकंपी के साथ ठंड लगती है और बार-बार बुखार आता है। कभी बुखार तेज आता है कभी कम हो जाता है। तेज सिर दर्द, उल्टी आना, पसीना आना इस रोग के मुख्य लक्षण हैं। इसके अलावा रोगी को दस्त लगना और मांसपेशियों में दर्द होने की समस्या भी हो सकती है।
एेसे करें बचाव –
साफ पानी पीएं, मच्छरों के अपने आसपास पनपने से रोकें, मच्छरदानी लगाएं, मलेरिया के लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाएं।
स्क्रब टाइफस –
स्क्रब टाइफस रोग पिस्सू के काटने से होता है। इस रोग के लक्षण दो हफ्तों में दिखाई देने लगते हैं। इसमें रोगी को सिर दर्द, शरीर में कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द की समस्या होती है। पिस्सू के काटने वाली जगह पर रोगी के शरीर पर काला निशान भी पड़ जाता है। इस निशान से भी स्क्रब टाइफस की पहचान की जा सकती है। इसमें रोगी के खून में प्लेटलेट्स की संख्या भी कम होने लगती है।
एेसे करें बचाव –
इस रोग का समय पर इलाज करना बहुत जरूरी होता है। अगर समय पर इलाज न किया जाए तो रोगी को निमोनिया होने की अशंका होती है। जो कि जानलेवा भी हो सकती है।
डेंगू-
डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इस रोग के होने से ब्लड में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है। त्वचा पर लाल चकत्ते होने लगते हैं। अचानक तेज बुखार आना, आंखों में दर्द होना, गले में दर्द होना, चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल निशान होना, भूख न लगना, मुंह का स्वाद खराब होना, उल्टी आना आदि डेंगू होने के मुख्य लक्षण हैं।
ऐसे करें बचाव
मच्छरों से बचाव करें, रोग के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर को दिखाएं।
वायरल फीवर –
ये फीवर जुकाम होने से शुरू होता। चक्कर आना, ठंड लगना, गले में दर्द, खांसी, उल्टी और दस्त, तेज जुकाम होना, नाक बंद रहना इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। इसमें फीवर में खांसने व छींकने से इंफेक्शन फैलता है।
एेसे करें बचाव –
इसका इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है। तेज बुखार में बुखार खत्म करने वाली दवाई, जुकाम में जुकाम खत्म करने वाली दवाई लेनी चाहिए। रोग के लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाएं।
आई फ्लू-
ये रोग इंफ्लूएंजा वायरस से होता है जो हाथों से आंखो तक पहुंचता है। इस रोग में आंखों में दर्द व आंखें लाल होने लगती हैं आंखों में जलन होती है।
एेसे करें बचाव –
हाथों व आंखों को बार-बार धोएं। आंखों में ड्राप डालें व डॉक्टर को दिखाएं।