डॉ. रेनू ने इसके फायदे बताते हुए कहा कि 12% माताएं अपने बच्चे को बोतल से दूध पिलाती हैं, जिसकी वजह से बच्चे के साथ उसका अच्छा रिश्ता नहीं कहा जा सकता। माँ का दूध केवल हर तरह के संक्रमण से बचने के लिये ही बच्चे को पोषण नहीं देता बल्कि यह बच्चे में अस्थमा, टाइप 1 डायबिटीज और ल्यूकेमिया जैसी बीमारियों के खतरे को भी कम कर देता है।
उन्होंने आगे कहा कि केवल 33% बच्चों को ही पहले छह महीनों में स्तनपान मिल रहा है, जो भारत में कुपोषण के प्रमुख कारणों में से एक है। वहीं दूसरी ओर स्तनपान न सिर्फ बच्चे के लिए ही महत्वपूर्ण है बल्कि यह माताओं के लिए भी ज़रूरी है क्योंकि जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं उनमे 28% ब्रैस्ट कैंसर और 21% ओवेरियन कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है।
ब्रेस्ट फीडिंग दिवस को मनाया जाना चाहिए क्योंकि यह एक प्रमुख तत्व है, जो जीवन के शुरू से ही हमें अच्छी तरह देखभाल करना सिखाता है। स्तनपान सामान्य डिलीवरी के आधे घंटे के भीतर और सीजेरियन सेक्शन के चार घंटे के बाद शुरू किया जाना चाहिए।