लक्षण: त्वचा सख्त व सूखी होकर फटने लगती है और ये दरारें गहरी हो जाती हैं। इनमें दर्द होने के साथ कई बार खून निकलता है व नंगे पैर चलने में भी दिक्कत आती है।
समस्या: दरारों का गंभीर रूप और गहराई से फटना संक्रमण की आशंका को बढ़ाता है। डायबिटीज के मरीजों में एडिय़ों का फटना एक बड़ी समस्या है, जिसके लिए उन्हें पैरों को नियमित रूप से नमीयुक्त बनाए रखने की सलाह दी जाती है। ऐसे में ४ भाग गुलाब जल, एक भाग ग्लिसरीन व कुछ नींबू के रस की बूंदे अच्छे से मिलाएं व नहाने के तुरंत बाद त्वचा के अलावा एडिय़ों पर भी लगाएं।
इलाज: नमी बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। नहाने के तुरंत बाद खासकर एडिय़ों पर क्रीम या मॉइश्चराइजर लगाएं। सोने से कुछ देर पहले पैरों को गुनगुने पानी में 10-15 मिनट के लिए डुबोकर रखें, इसके बाद एडिय़ों पर वैसलीन लगाकर मोजे पहनें। कैल्शियम, आयरन, जिंक व ओमेगा-३ फैटी एसिड से युक्त चीजें खाएं। जैसे दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां, अलसी आदि।
कारण: यह किसी को भी हो सकता है जिसकी मुख्य वजह त्वचा में नमी कम होने से खुश्की आना है। मोटापा, एडिय़ों की तरफ से खुले चप्पल व सैंडिल पहनने, पसीने का निष्क्रिय होना, अधिक दौड़भाग करने, धूप में ज्यादा देर नंगे पैर चलने आदि से भी ऐसा हो सकता है।
सर्दी में शरीर में रक्तप्रवाह सही न होना भी वजह है। सोराइसिस, एक्जिमा जैसे त्वचा रोगों, थायरॉइड व डायबिटीज से भी एडिय़ां फटती हैं। – डॉ. विनय सोनी, फैमिली फिजिशियन, जयपुर