लक्षण : भूख कम लगना, अचानक वजन घटना या बढऩा, शरीर में थकान महसूस होना, अक्सर बीमार पड़ जाना और चिड़चिड़ा स्वभाव हो जाना।
दुष्परिणाम : तनाव की वजह से लोग बेचैनी, सिरदर्द, आंखों पर दबाव, पीठदर्द, अनिद्रा, ब्लडप्रेशर, डायबिटीज और हृदय रोगों से ग्रसित हो जाते हैं। इससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और उनका दाम्पत्य जीवन, अन्य रिश्ते व सहकर्मियों के साथ भी संबंध बिगडऩे लगते हैं।
सावधानी एवं उपाय : पर्सनल और प्रोफेशनल जीवन को अलग-अलग जीने की कोशिश करें। ऑफिस का काम घर न लाएं और घर का काम ऑफिस न ले जाएं। काम का भार अपनी कार्यक्षमता के मुताबिक ही लें। टाइम मैनेजमेंट आजमाएं। पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं और पौष्टिक भोजन करें। काम के बीच में ब्रेक लें और खुद को रिफे्रश करें। योगा और मेडिटेशन भी कर सकते हैं।
लिखने की आदत बनाए रखें
अच्छे दिनों की तरह यदि आप बुरे या तनाव भरे दिनों में भी लिखना जारी रखते हैं तो आप तनाव दूर कर सकते हैं। रोजाना की गतिविधियों और भावनाओं को लिखने से खुद को समझने में मदद मिलती है, जिससे तनाव दूर होता है।
एक्सरसाइज करें
व्यायाम से न केवल अच्छी सेहत मिलती है बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। इससे शरीर में सेरोटोनिन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोंस का स्राव होता है। जिससे दिमाग स्थिर रहता है और नकारात्मक विचार नहीं आते।
म्यूजिक थैरेपी को अपनाएं
संगीत में आपके मिजाज को तुरंत ठीक करने की ताकत होती है, इसलिए तनाव होने पर लगभग एक घंटा पसंदीदा म्यूजिक सुनें लेकिन भावनात्मक संगीत सुनने से बचें क्योंकि यह आपके मूड पर नेगेटिव असर भी डाल सकता है।
सभी के साथ मिलकर रहें
जब आपको लगे कि आप पर तनाव हावी होता जा रहा है तो खुद को अकेला न रहने दें। यदि पूरा समाधान नहीं भी हो रहा है तो भी लोगों के बीच रहने से निराशाजनक विचारों से अपना ध्यान हटाने में आपको मदद मिलेगी।
बॉडी को करें रिलेक्स
तनाव को कम करने के लिए तन-मन को अवकाश भी दें। जब भी आप अवसादग्रस्त महसूस करें तो अपना बैग पैक करें और निकल पड़ें घूमने के लिए। जगह बदलने से आपका ध्यान भी बंटेगा और अवसाद का स्तर भी कम होगा।
उचित आहार एवं सकारात्मक सोच
खाने में फल, सब्जी, फलियां और कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार लेने से मन खुश रहता है। ऐसे लोगों से दूर रहें जो आपको नेगेटिव एनर्जी देते हों। उन लोगों को खुद के करीब रखें जो आपके प्रशंसक हों व आपकी बातों को अहमियत देते हों।
आयुर्वेद
जल्दी सोने और जल्दी उठने की आदत बनाएं। संतुलित आहार लें, एक्सरसाइज व योगा करें और शराब, सिगरेट का सेवन ना करें। आयुर्वेद में तनाव को दूर करने के लिए मेध्या द्रव्य रसायन (ब्राह्मी, जटामांसी, शंखपुष्पी, तगर) हैं, जिन्हें आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह से लेना चाहिए।
होम्योपैथी
तनाव होने पर विशेषज्ञ को अपने काम के रुटीन जैसे कितने घंटे काम करते हैं, कम्प्यूटर का इस्तेमाल, शारीरिक काम ज्यादा है या मानसिक आदि के बारे में विस्तार से बताएं। होम्योपैथी में काम से जुड़े तनाव के लिए नक्सवोमिका 200 पोटेंसी में दी जाती है, जिसकी दिन में दो डोज लेनी पड़ती है।