scriptसर्दी के मौसम में शिशु के साथ मां करे खुद की भी केयर | Take care of the mother with the baby during the winter season | Patrika News

सर्दी के मौसम में शिशु के साथ मां करे खुद की भी केयर

Published: Oct 28, 2017 10:33:01 pm

ऐसे में यदि शिशु का आगमन सर्दी के मौसम में होने वाला है तो उसके साथ मां को भी विशेष देखभाल की जरूरत होती है।

Baby and Mother
घर में नन्हे मेहमान की सूचना मिलते ही पूरा परिवार उसके स्वागत की तैयारियों में जुट जाता है। ऐसे में यदि शिशु का आगमन सर्दी के मौसम में होने वाला है तो उसके साथ मां को भी विशेष देखभाल की जरूरत होती है। कुछ बातों को ध्यान में रखें-
पहले से तैयारी : गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में उन्हें ठंड से बचना चाहिए। सुबह-शाम शरीर को ऊनी कपड़ों से ढककर रखें। ठंड से बचने के लिए पैरों में मोजे पहनकर रहें। अस्पताल जाने से पहले अपना बैग पहले से तैयार कर लें। उसमें स्कार्फ के अलावा कंबल और अन्य ऊनी कपड़े जरूर रखें। कोशिश करें कि शाम की ठंडी हवा के संपर्क में ज्यादा न आएं। वर्ना दिक्कत होगी।
स्पेशल केयर
शिशु के घर लौटने के बाद यह ध्यान रखें कि जिस कमरे में वह रहेगा वहां का तापमान २८ डिग्री सेल्सियस हो। इतना तापमान न होने पर कमरे में हीटर का प्रयोग करें। लेकिन इस दौरान दरवाजे व खिड़कियां खुली रखें। क्योंकि यह वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन व नमी को सोख लेता है। जिससे त्वचा रूखी हो जाती है। एक सप्ताह तक सिर्फ गीले कपड़े से उसके शरीर को पोछें।
प्रसव के बाद : प्रसव के बाद शुरू के 5—6 दिन शिशु की देखभाल अस्पताल वाले करते हैं। इस दौरान शिशु का शरीर गीला होता है जिसे साफ कपड़े से पोंछकर रेडिएंट वार्मर में रखते हैं क्योंकि गर्भ के बाहर का तापमान ठंडा होता है। फिर गर्म कपड़े में लपेट देते हैं। ध्यान रखें कि प्रसव के बाद पहले दिन शिशु को नहलाना नहीं चाहिए वर्ना उसका शरीर नीला पड़ सकता है।
खुद का ध्यान रखें
शिशु की देखभाल के चक्कर में महिला खुद पर ध्यान ही नहीं देती। ऐसा न करें। सर्दी से बचकर रहें वर्ना असर नवजात पर हो सकता है। रोज गुनगुने पानी से नहाने के बाद शरीर पर तेल मालिश करें ताकि मांसपेशियों में रक्तसंचार बेहतर हो। नॉर्मल डिलीवरी नहीं हुई है तो डॉक्टरी सलाह पर मालिश शुरू करें।
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