रोजाना की दौड़ बचाएगी इस रोग से
जयपुरPublished: May 11, 2019 11:08:07 am
व्यायाम से कैंसर के खतरे को कम करने के लिए कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी की एक टीम ने चूहों पर शोध किया।
कहीं 20 गुना ज्यादा तो नहीं काम कर रहे हृदय और फेफड़े !
फेफड़ों में मेलेनोमा बनने लगता है
व्यायाम से कैंसर के खतरे को कम करने के लिए कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी की एक टीम ने चूहों पर शोध किया। इसके लिए वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में ऐसी जगह बनाई जहां चूहों को दौडऩे-भागने की जगह मिले, दूसरी ओर ऐसे पिंजरे में भी चूहे रखे जहां दौडऩे-भागने की जगह नहीं थी। दोनों तरह के चूहों में तीन प्रकार के कैंसर के लिए टीके लगाए। किसी को लिवर कैंसर का इंजेक्शन दिया तो किसी की त्वचा के नीचे मेलेनोमा सेल्स का। कुछ चूहों की पूंछ में मेलेनोमा सेल्स का टीका लगाया। चूहों पर पहले हो चुके शोध में पाया गया है कि इससे फेफड़ों में मेलेनोमा बनने लगता है। पाया गया कि जिन चूहों को त्वचा के नीचे मेलेनोमा सेल्स का इंजेक्शन दिया गया था, उन्हें कैंसर हो गया।
दवाएं करेंगी बेहतर असर
एसएमएस अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप जसूजा के अनुसार व्यायाम से कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढऩे से कैंसर कोशिकाएं हमला नहीं करतीं। इससे वजन घटता है और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा नहीं रहत। एक्सरसाइज से जरूरी हार्मोंस स्त्रावित होते हैं जिससे कैंसर के इलाज के लिए ली जा रही दवाओं का असर बेहतर ढंग से होता है और रिकवरी जल्दी होती है। जिनका कैंसर का इलाज चल रहा हो वे बिना डॉक्टरी सलाह के हैवी एक्सरसाइज न करें क्योंकि यदि कीमोथैरेपी के दौरान मरीज की प्लेटलेट्स कम हैं और वह भारी व्यायाम करता है तो अधिक रक्तस्त्राव हो सकता है।
ऐसे पड़ा प्रभाव
छह हफ्ते बाद पिंजरे में बंद चूहों की तुलना में भागदौड़ वाले चूहों में ट्यूमर का साइज 61 प्रतिशत कम व फेफड़ों के ट्यूमर के साइज में भी अंतर था। भागदौड़ करने वाले चूहों के ट्यूमर का साइज पिंजरे में बंद चूहों से 58त्न छोटा था। असल में भागदौड़ करने वाले चूहों में रोग प्रतिरोधकता अधिक होने की वजह से ऐसा हुआ।