scriptगेट खुला रहने से बांध का पानी हो रहा है खत्म | The gate is open water over the dam | Patrika News
जशपुर

गेट खुला रहने से बांध का पानी हो रहा है खत्म

पत्थलगांव क्षेत्र में घरजियाबथान जलाशय योजना के तहत निॢमत डेम का दो
वर्षों से गेट विभाग द्वारा बंद नही करने के कारण डेम में पानी नही ठहरता

जशपुरApr 17, 2016 / 09:59 am

Kajal Kiran Kashyap

dem

dem

पत्थलगांव . पत्थलगांव क्षेत्र में घरजियाबथान जलाशय योजना के तहत निॢमत डेम का दो वर्षों से गेट विभाग द्वारा बंद नही करने के कारण डेम में पानी नही ठहरता। डेम में आवश्यकतानुसार पानी के नही होने के कारण गांव के मछली पालन समिति को लाखों के नुकसान की आशंका निर्मित हो गई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए समिति के सदस्यों ने बताया कि डेम में पानी पर्याप्त मात्रा में नही होने के कारण समिति के द्वारा मछली बीज का लागत भी प्राप्त नही होता है, जिससे हमारी समिति को लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होने बताया कि गेट बंद करने के लिए कई बार संबंधित अधिकारी को इसकी शिकायत की गई पर उनके द्वारा किसी प्रकार ध्यान नही देने के कारण हमें लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है।
मछली समिति के सदस्य जहर साय व नेहरु लकड़ा ने बताया कि समिति के द्वारा 4 लाख रुपए का मछली बीज डाला गया है पर बांध के पानी की स्थिति को देखते हुए लागत की रकम की वसूली के लिए भी सोचना पड़ रहा है। विगत वर्षों से जलसंसाधन विभाग की ओर से नहरों के गेट की मरम्मत की बात कहकर आज पर्यन्त तक इसके लिए कोई पहल नही की गई है।

बांध में पानी ना होने के कारण क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं बढऩे के बजाए किसानों के लिए मुसीबतें खड़ी हो गई हैं। ग्रामीणों की शिकायत है कि विभाग द्वारा समुचित देखभाल नहीं करने के कारण नहरें आज भी अच्छी स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों द्वारा बार-बार नहरों की मरम्मत का भरोसा तो दिलाया जाता है परंतु मरम्मत के नाम पर केवल खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली जाती है।

विपरीत दिशा में ढाल

सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने के लिए बनी घरजियाबथान जलाशय परियोजना किसानो के लिए परेशानी का सबब बन गई है। बांध का पानी खेतों में जमा हो जाता है, जो कि लोगों के लिए परेशानियां खड़ी हो गई हैं। कई ग्रामीणों का कहना है कि बनने के बाद से ही बांध को लेकर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पहले तो नहरों का ढलान विपरीत दिशा में बना दिया गया था। ग्रामीणों ने बताया कि बांध से सिंचाई के लिए बनाये नहरों में बारों माह पानी के बहाव से किसानों की 5 से 6 एकड़ भूमि दलदल मे तब्दील हो गई है।

ग्राम के पटेलपारा निवासी किसान जहर साय लकड़ा, सुरेश यादव, खेमसागर यादव, निवासी संतोष, बेणु, षिवनारायण साहु ने बताया कि नहर का पानी के बहाव न होकर एक स्थान पर एकत्रित हो जाने के से आज पर्यन्त हमारे इन जमीन पर खेती नही हो पाई है। कृषि योग्य भूमि पर जुताई के लिए बैल का प्रयोग किया जाता है, पर नहरों के पानी जमा रहने वाले इन दलदल जमीन पर बैल भी नही जा पाते वे भी दलदल में भीतर घुस जाते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो