इलाज पर विश्वास ही नहीं
माता-पिता बच्चों की मानसिक समस्याओं को छुपा कर रखना चाहते हैं। अधिकांश इसे बीमारी नहीं मानते हैं। इलाज पर विश्वास ही नहीं होता है। बच्चों को लचीला रहना सिखाएं। गलतियां करने की छूट दें। अच्छे व्यवहार के लिए पुरस्कार दें। उनमें आत्मविश्वास की भावना विकसित करेगा।
बच्चों में पहचाने एंग्जाइटी व डिप्रेशन के लक्षणों को
1. बच्चे के मूड में तेजी से उतार-चढ़ाव आना, चिड़चिड़ाना व लगातार रोना, बात-बात पर बहुत गुस्सा आना।
2. दूसरों के साथ घुलना-मिलना नहीं। हीनता के भाव रखना। स्कूल जाने से बचना, गहरी नींद न आना, खाने और पढ़ाई के तौर-तरीके में बदलाव आना।
3. छोटे और बड़ों में डिप्रेशन के लक्षण अलग होते हैं। दोस्तों से अलग होना, कक्षा, यहां तक कि स्कूल बस का बदलना बच्चों में बेचैनी व डिप्रेशन का कारण बन सकता है।
4. हर गलती के लिए डांटने से बच्चे में हीनता की भावना बढ़ती है।