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डेंगू में कारगर है ये यूनानी दवाएं, जानें इनके बारे में

Published: Sep 03, 2017 05:45:00 pm

डेंगू बुखार में मरीज में कमजोरी का कारण खून में वायरस का संक्रमण है। इससे खून में गर्मी अत्याधिक बढ़ जाती है।

These Greek medicines are effective in dengue

डेंगू बुखार में मरीज में कमजोरी का कारण खून में वायरस का संक्रमण है। इससे खून में गर्मी अत्याधिक बढ़ जाती है।

यूनानी चिकित्सा पद्धति में डेंगू बुखार को ‘हुम्मा-ए-दंज कहते हैं। डेंगू बुखार में मरीज में कमजोरी का कारण खून में वायरस का संक्रमण है। इससे खून में गर्मी अत्याधिक बढ़ जाती है। यूनानी पद्धति में गर्मी कम करने वाली, संक्रमण के जहर को मारने वाली व हृदय को ताकत देने वाली औषधियों का इस्तेमाल किया जाता है।
नुस्खा-1 : कुर्स काफूर 2 गोली, खमीरा मखारीद खास 5 ग्राम पहले खिलाएं। इसके बाद उन्नाब व आलू बुखारा 5-५ दाने, कासनी, खीरा, ककड़ी, कद्दू काहू बीज (सभी ५-५ ग्राम) को अर्क गुलाब 100 मिली. में पीसकर शीरह (ऐमलसन) हासिल करके उसमें शरबत नेलोफर 20 मिली. व अर्क शाहतरा 60 मिली. मिलाकर खाकसी 7 ग्राम छिड़क कर सुबह-शाम खाली पेट पिलाएं।
नुस्खा-२ : कुर्स तबाशीर काफूरी 2 गोली, खमीरा गाउ जबां सादा 5 ग्राम पहले खिलाएं। इसके बाद बिहदाना 3 ग्राम, ईसबगोल भूसी 7 ग्राम, अर्क बादयान 100 मिली, खाकसी 6 ग्राम, शरबत बनफ्शा 20 मिली को मिलाकर सुबह-शाम भूखे पेट पिलाएंं। भोजन के बाद कुर्स पुदीना, हब्बे पपीता या २५-२५ मिली अर्क बादयान अर्क पोदीना पानी में घोलकर पिलाएं।
बचाव के नुस्खे
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए यूनानी दवा तिर्याक वबाई 1 से 2 गोली हफ्ते में दो बार लें। हब्बे पपीता दो गोलियां रोजाना भोजन के बाद लें। खमीरा गाउ जबां अम्बरी जवाहर वाला खास 5-ग्राम या दवाउल मिस्क मोतदिल जवाहर वाली 5 ग्राम सुबह व शाम रोजाना खाली पेट इस्तेमाल करें। इन दवाओं से डेंगू से बचे रहेंगे और अगर होता भी है तो असर कम होगा। औषधि का प्रयोग चिकित्सक के परामर्श से ही करें।

अन्य उपचार

डेंगू बुखार की पुष्टि होने के बाद भी बिल्कुल न घबराए। यूनानी पैथी में डेंगू का कारगर इलाज मौजूद है। ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेने के साथ ही कुछ देसी दवाइयों का जोशांदा (काढ़ा) बनाकर सुबह शाम खाने से पूर्व इसे लेकर डेंगू का इलाज किया जा सकता है। इसके लिए गिलोए छह ग्राम, खाकसी छह ग्राम, उन्नाब पांच, बहडाना तीन ग्राम, बर्ग-ए-गाउजबां छह ग्राम और असलूस्सूस छह ग्राम मिलाकर इसका काढ़ा बनाए। इसके साथ ही सुबह और शाम खाने से पूर्व खमीरा मुरवारीद पांच-पांच ग्राम लें।जिन लोगों को किसी भी तरह का बुखार नहीं है, लेकिन उन्हें डेंगू का डर सता रहा है तो वह खमीरा मरवारीद, शरबत खाकसी और गिलोए लेकर अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर इसका खतरा टाल सकते हैं।

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