पादांगुष्ठासन
इस आसन को करने से पहले बेल्ट या रस्सी लें। अब समतल जमीन पर चादर बिछाकर सीधे लेट जाएं। पहले दाएं पैर को ४५-६० डिग्री कोण में ऊपर उठाएं। अब पैर की एड़ी को बाहर की तरफ खीचें और पंजे को छोटी अंगुली से अपनी तरफ खींचे। पैर सीधा रखें व घुटना न मोड़ें। पैर सीधा रखने के लिए रस्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक से दो मिनट बाद पैर को बदलें।
ध्यान रखें: इस आसन को करने के दौरान यदि कमर और घुटने पर दबाव पड़े तो पैर का एंगल कम कर सकते हैं। इसे एक पैर से एक मिनट व दोनों पैरों से २-३ बार करें। झटके से पैर ऊपर न उठाएं। आराम से गतिविधि करें।
न करें: एड़ीदर्द और घुटने के पीछ वाले हिस्से में, कूल्हे में दर्द या कोई समस्या है तो भी इसे न करें।
पिंडीकासन
दीवार की तरफ मुंह करते हुए खड़े हो जाएं। दूरी एक फुट की हो। अब दीवार पर हथेलियां टिकाकर शरीर को सपोर्ट दें। पैर इस तरह आगे बढ़ाएं कि पहले पंजों की अंगुलियां दीवार पर छुएं। धीरे-धीरे पैर का पूरा तलवा दीवार पर लगाने का प्रयास करें। यदि न टिके तो जबरदस्ती न करें। सिर्फ एड़ी को जमीन पर टिकाए रखें। ऐसा दोनों पैरों की एड़ी से करें।
ध्यान रखें: एक पैर के पंजे से ऐसा १-२ मिनट करें। इस प्रक्रिया को २-३ बार दोहरा सकते हैं। पंजों और एड़ी पर दबाव पडऩे से पैरों की पिंडलियों में होने वाला दर्द और खिंचाव दूर होता है।
न करें: पैरों में बाएठा की समस्या हो या दर्द ज्यादा है तो इसका अभ्यास करने से बचें।
दण्डासन
ऐसे करें : इसके लिए कमर सीधी कर बैठ जाएं। यदि कमर में दर्द हो तो दीवार का सहारा लें। अब दोनों पैरों को एक-एक कर सीधा करें। पंजों को अपनी तरफ खीचें। छोटी अंगुली की तरफ से भी खिंचाव दें। पंजों को खींचते समय ध्यान रखें कि पैरों के ऊपरी तलवे बराबर हों। घुटनों के नीचे यदि गैप ज्यादा है तो छोटा तकिया लगाएं।
ध्यान दें : इसे एक बार में 10 मिनट के लिए कर सकते हैं। इस दौरान घुटनों पर जोर न पडऩे के साथ दर्द नहीं होना चाहिए। एड़ीदर्द के साथ यह घुटनों में दर्द के लिए भी लाभदायक है।
न करें: टखने या पैर में तकलीफ है या कोई सर्जरी हुई है तो न करें।