बायपोलर डिसऑर्डर का इलाज
बायपोलर डिसऑर्डर का इलाज बीमारी की गंभीरता के आधार पर होता है। अवसाद की स्थिति में मूड ठीक करने की दवा सबसे पहले देते हैं। फिर कुछ एंटीसाइकॉटिक और एंटीडिप्रेजेंट दवाइयां दी जाती हैं। एक्यूट यानी गंभीर स्थिति में इलाज की प्रक्रिया भी बदल जाती है। एंटीसाइकॉटिक और एंटीडिप्रेजेंट के साथ बंजाडायजेपिंग दवाइयां
अधिकतर मरीज दवाइयों से ठीक हो जाते, कुछ को थैरेपी देते हैं
बायपोलर डिसऑर्डर का इलाज बीमारी की गंभीरता के आधार पर होता है। अवसाद की स्थिति में मूड ठीक करने की दवा सबसे पहले देते हैं। फिर कुछ एंटीसाइकॉटिक और एंटीडिप्रेजेंट दवाइयां दी जाती हैं। एक्यूट यानी गंभीर स्थिति में इलाज की प्रक्रिया भी बदल जाती है। एंटीसाइकॉटिक और एंटीडिप्रेजेंट के साथ बंजाडायजेपिंग दवाइयां
अधिकतर मरीज दवाइयों से ठीक हो जाते, कुछ को थैरेपी देते हैं
ऐसे करें बचाव
बायपोलर डिसऑर्डर के मरीज पर्याप्त नींद लें, 7-8 घंटे सोएं। मरीजों को दूसरे लोगों से बात करनी चाहिए। इससे तनाव नहीं होगा। तनाव और जोखिम भरे काम न करें, इससे समस्या बढ़ती है। बायपोलर डिसऑर्डर की समस्या अनियमित दिनचर्या से बढ़ती है। इसलिए दिनचर्या नियमित रखें, समय पर सोएं और टाइम पर उठें। मन में तनाव की स्थिति है तो दूसरों से साझा करें, रिलेक्स रहेंगे। रोजाना कुछ व्यायाम करें, इससे तन और मन स्वस्थ रहेगा।
डॉ. सुनील शर्मा, मनोचिकित्सक
बायपोलर डिसऑर्डर के मरीज पर्याप्त नींद लें, 7-8 घंटे सोएं। मरीजों को दूसरे लोगों से बात करनी चाहिए। इससे तनाव नहीं होगा। तनाव और जोखिम भरे काम न करें, इससे समस्या बढ़ती है। बायपोलर डिसऑर्डर की समस्या अनियमित दिनचर्या से बढ़ती है। इसलिए दिनचर्या नियमित रखें, समय पर सोएं और टाइम पर उठें। मन में तनाव की स्थिति है तो दूसरों से साझा करें, रिलेक्स रहेंगे। रोजाना कुछ व्यायाम करें, इससे तन और मन स्वस्थ रहेगा।
डॉ. सुनील शर्मा, मनोचिकित्सक