स्वास्थ्य

सोच-समझ कर करें घड़ी की सुई को आगे-पीछे, जा सकती है जान

जब हफ्ते में छह दिन काम करने के बाद काम से एक दिन की छुट्टी मिलती है तो उसका भी अपना ही मजा होता है। लेकिन कई बार इस छुट्टी की मौज-मस्ती अगले दिन पर बहुत भारी पड़ती है। अक्सर हम अगली सुबह की देरी से बचने के लिए अपनी घड़ी का समय […]

Jul 16, 2016 / 01:14 pm

Abhishek Pareek

जब हफ्ते में छह दिन काम करने के बाद काम से एक दिन की छुट्टी मिलती है तो उसका भी अपना ही मजा होता है। लेकिन कई बार इस छुट्टी की मौज-मस्ती अगले दिन पर बहुत भारी पड़ती है। अक्सर हम अगली सुबह की देरी से बचने के लिए अपनी घड़ी का समय आगे कर देते हैं। लेकिन कभी आपने सोचा है कि ऐसा करना आपको कितना भारी पड़ सकता है। जी हां, घड़ी का समय खुद निर्धारित करना सिर्फ आपके काम को ही नहीं, बल्कि आपके दिल को भी प्रभावित कर सकता है। आइए जानें क्‍या हैं इससे होने वाले कुछ खास नुकसान।





1. ऑफिस में नींद आना


छुट्टी के दिन लेट नाइट सोने पर अगली सुबह जल्दी उठने के लिए आप अक्सर अपनी घड़ी को आधा घंटा आगे कर देते हैं। नतीजन आधा घंटा पहले उठकर रेडी होकर समय पर ऑफिस तो पहुंच जाते हैं लेकिन उसके बाद नींद के अभाव के चलते आपको ऑफिस में भी नींद आती है। जिसका स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।




2. काम पर प्रभाव

समय बढ़ाने का एक और साइड इफेक्‍ट है, वो है आपका काम। आप घड़ी की सुईयों को तो अपने हिसाब से सेट कर लेते हैं लेकिन आपका बॉस तो रियल टाइम को ही मानता है। ऐसे में समय में गड़बड़ी काम पर गलत प्रभाव डालती है।



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3. ट्रैफिक एक्‍सीडेंट

रिसचर्स मानते हैं कि टाइम बचाने के लिए जो लोग घड़ी की सुईयां आगे बढ़ा देते हैं उनका जीवन खतरे में पड़ जाता है। इसमें सबसे बड़ा खतरा ट्रैफिक एक्‍सीडेंट का होता है। दरअसल जब आप टाइम आगे करते हैं तो आपकी नींद कम हो जाती है ऐसे में वाहन चलाते समय अगर पलक झपकी तो बड़ा एक्‍सीडेंट हो सकता है।




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4. हॉर्ट अटैक का खतरा

घडी का समय खुद निर्धारित करना सिर्फ आपके काम को ही नहीं, बल्कि आपके दिल को भी प्रभावित कर सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोरेडो इन डेनवर में हॉर्ट स्‍पेशिलिस्‍ट अमनीत संधू ने कहा कि सोमवार की सुबह दिल के दौरों के ज्यादातर मामले सामने आने का एक कारण कारकों का समायोजन भी हो सकता है। आने वाले सप्ताह में नए काम, नई परियोजना की शुरूआत करने का तनाव हमारे सोने और जगने के चक्र में परिवर्तन कर देता है। इससे हॉर्ट अटैक की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।




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5. सुसाइड

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