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हाथ-पैर में झनझनाहट और सुन होना इन बीमारियों का हो सकता है संकेत, जानिए कब समझें मर्ज है गंभीर

Published: Mar 15, 2022 12:51:26 pm

Submitted by:

Ritu Singh

हाथ या पैर का सो जाना यानी सुन होना या झनझनाहट का लगातार बने रहना केवल नर्व की दिक्कत नहीं, बल्कि ये जानलेवा बीमारियों का संकेत भी होता है।

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हाथ-पैर में झंझनाहट और सुन होना गंभीर बीमारी का है लक्षण, जानिए कब समझें मर्ज है गंभीर

यदि आप अपने हाथ या पैर में जलन, पिन या सुइयों की चुभन महसूस करते हैं तो इसे मेडिकल टर्म में पेरेस्टेसिया कहा जाता है। यह समान्यत एक ही पोजिशन में कई बार बैठे रहने या पैर-हाथ के दब जाने से होता है, लेकिन यह समस्या आम दिनों में आपकी रोज की बीमारी बनने लगे तो कभी इसे हल्के में न लें।
पेरेस्टेसिया के लक्षण शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर हाथ, हाथ, पैर और पैरों में ही यह होता है, कई गंभीर स्थिति में ये चेहरे पर भी हो सकता है।
पैरेस्टेसिया क्यों होता है
आमतौर पर पेरेस्टेसिया तभी होता है जब हाथ-पैर एक ही पोजिशन में लंबे समय तक पड़ा रहे या उसपर कोई दबाव पड़े। लेकिन गंभीर कारणों में ये हाई बीपी या ब्रेन हेमरेज का भी लक्षण हो सकता है। कई बार ये डायबिटीज के पेशेंट्स में भी दिखने को मिलता है।
ब्लड सर्कुलेशन बाधित होने से सुन्नाहट या झंझनाहट होती है। झनझनाहट, सूनापन, तलवे में गद्दापन, हाथ-पैर में जलन, सामान्य तौर पर सुस्त हो जाने जैसे लक्षण अगर बार-बार होने लगे तो इसे कभी नजर अंदाज न करें। कई बार ये ये किसी नर्व के दबने, महत्वपूर्ण हिस्से को डैमेज होने, नींद की कमी, मानसिक और शरीरिक तनाव के कारण भी होता है। यही नहीं, ये मिर्गी और लकवा का प्रारंभिक लक्षण भी हो सकता है।
हाथ-पैरों की झनाहट और ब्लड सर्कुलेशन ठीक करने के उपाय
ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने का प्रयास-
अगर हमारे पैर या हाथ सो गए तो सबसे पहले इसे हिलाने-डुलाने का प्रयास करें, ताकि ब्लड सर्कुलेशन बढ़ सके। रक्त प्रवाह में सुधार होने के साथ ही चुई की तरह होने वाली चुभन या सुन होना सही होने लगेगा।
विटमिन बी युक्त आहार– लेना करे पेरेस्टेसिया की वजह पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है। विटामिन बी 6 और बी 12 अपने डाइट में अधिक से अधिक शामिल करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होगा और नसों में होने वाली दिक्कतें भी दूर होंगी।
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एक्यूपंक्चर- एक्यूपंक्चर एक ऐसी चिकित्सा है जिससे पेरेस्टेसिया का भी उपचार होता है। प्रभावित अंग के आसपास पतली सुइयों से ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाया जाता है।
हल्दी– एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरी हल्दी भी पेरेस्टेसिया के कई कारणों जैसे रूमेटोइड गठिया, संक्रामक रोगों और मधुमेह के इलाज के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। जादुई घटक रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और कई अन्य कारणों से निपटने में मदद कर सकता है। आप सुनहरा दूध ले सकते हैं या घर पर बनी करी में हल्दी को अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं।
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घर पर गर्म से सिकाई- रक्त के प्रवाह को बढ़ानेके लिए प्रभावित जगह पर गर्म पानी से सिकाई करना भी मददगार होता है। झुनझुनी और सुन्नता की सनसनी से छुटकारा पाने के लिए आप गर्म स्नान भी कर सकते हैं। एक सूखे साफ कपड़े को गर्म पानी में भिगोकर उस जगह पर कुछ मिनट के लिए रखें। आप इसके लिए गर्म पानी के बैग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
मसाज करें-पेरेस्टेसिया सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं में मसाज बहुत उपयोगी घरेलू उपचार है। यह आपके रक्त परिसंचरण को पारेथेसिया के लक्षणों से निपटने और रोकने दोनों के लिए बढ़ाता है। प्रभावित क्षेत्र को स्वयं गोलाकार गति में मालिश कर सकते हैं।
स्ट्रेचिंग करें -रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए कुछ बुनियादी स्ट्रेचिंग या हल्का व्यायाम करना है। नियमित व्यायाम से बहुत आराम मिलता है।
अदरक की चाय- अदरक रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद कर सकता है, इस प्रकार पेरेस्टेसिया के लक्षण दूर होंगे। यह तंत्रिका तंत्र को भी उत्तेजित करता है। अदरक की चाय नहीं बना सकते हैं तो इसका सेवन कर सकते हैं। अदरक की गोलियां खा सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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