त्रिफला चूर्ण करेगा काम
हरड़,बहेड़ा और आंवले का मिश्रण त्रिफला चूर्ण कहलाता है। यह आंतों की सफाई के लिए बेहद *****रकारक है। यह एसिडिटी और शरीर में पानी इकट्ठा होने जैसी समस्याएं दूर करने के साथ लिवर की भी सफाई करता है। रात में सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लेना फायदेमंद होता है।
पाचनतंत्र दुरुस्त
पपीते को पाचन प्रणाली का मित्र फल कहा जाता है। इसमें मौजूद पेपन नामक एंजाइम खाना पचाने में मददगार है व आंतों की सफाई करता है। रात को भोजन करने से पहले पपीते की एक-दो फांक खाना लाभकारी होता है।
ग्रीन टी
आंतों से विषैले पदार्थ बाहर करने में ग्रीन टी सहायक है। इसमें कैटेचीन और गैलेट्स जैसे लाभकारी तत्त्व होते हैं जो चर्बी घटाते हैं व लिवर की भी सफाई करते है।
चोकरयुक्त आटा
इस आटे की रोटी खाने से आंतों की सफाई होती है। गर्म दूध में चोकर मिलाकर भी पी सकते हैं।
गुनगुना पानी
सुबह उठकर दो गिलास गुनगुना पानी पीने से आंतों की सफाई होती है और कब्ज की समस्या नहीं रहती।
त्रिफला अथवा त्रिफला चूर्ण एक आयुर्वेदिक हर्बल औषधि है जिसमें तीन प्रकार के फलों का चूर्ण होता हैं। इसके समान मात्रा में आमला, बहेड़ा और हरड़ होते है। त्रिफले का प्रयोग चूर्ण, गोलियों और सत्त कैप्सूल्स के रूप में किया जाता है। यह कब्ज, वजन घटाने, पेट की चर्बी को कम करने, शरीर शोधन, अपच और पेट की समस्याओं में लाभ देता है।त्रिफला में कई जैविक यौगिक शामिल हैं। इसमें मुख्य रूप से टैनिन, गैलिक एसिड, चेबुलाजीक एसिड और चेबुलिनिक एसिड होते है। त्रिफला में विटामिन सी भी बहुत अधिक मात्रा में होता है। त्रिफला में उपस्थित विटामिन सी और चेबुलाजीक एसिड एक एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव डालती है। त्रिफला में निम्नलिखित औषधीय गुण है:
त्रिफला से दूर होती हैं ये समस्याएं
सौम्य रेचक, हल्का एंटासिड, अति उच्च रक्तचाप रोधी, गठिया विरोधी, उत्परिवर्तनीय विरोधी, एंटीऑक्सिडेंट, हल्का पीड़ाहर
जीवाणुरोध, कैंसर विरोधी, वायुनाशी, पाचन बढ़ाने वाला, आर्तवजनक, कफ निस्सारक, वसा गलाने वाला, रक्त वर्धक