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मानसून के मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती कमजोर, खानपान का ऐसे रखें ध्यान

locationजयपुरPublished: Aug 18, 2020 10:59:02 pm

बारिश में फूड पॉइजनिंग से लेकर मच्छर जनित रोगों का खतरा अधिक रहता है।

मानसून के मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती कमजोर, खानपान का ऐसे रखें ध्यान

Weak immunity during monsoon season

बारिश में फूड पॉइजनिंग से लेकर मच्छर जनित रोगों का खतरा अधिक रहता है। मक्खी और मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। ये खुले में रखे खाने को दूषित करते हैं। जब कोई व्यक्ति इन फूड्स को खाता है तो उसे उल्टी-दस्त के साथ डायरिया और पेट की तकलीफ हो जाती है।
अग्निबल कमजोर-
इस मौसम में शरीर में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के साथ अग्नि बल कम हो जाता है। वात के प्रकोप से जोड़ों में दर्द, नाखून टूटना, पांव की बिवाई फटना प्रमुख लक्षण हैं। योग और व्यायाम क्षमता से अधिक न करें। सुपाच्य भोजन पुराने चावल, जौ की रोटी, खिचड़ी, पतली दाल खाएं। मौसमी सब्जियों का सूप बनाकर पीएं, स्वस्थ रहेंगे।
60% लोग बारिश में भीगने की वजह से बीमार होते हैं। जरूरी सावधानी बरतने और खानपान का ध्यान रखेंगे तो बीमारियों से बच सकते हैं।
सब्जियां अच्छे से पकाएं –
बारिश के मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से बचना चाहिए। इसके खाने से पेट और आंतों में संक्रमण हो सकता है। सब्जी अच्छी तरह धोकर पकाएं। फल खा रहे हैं तो पहले अच्छे से धुल लें। इससे फल के ऊपरी सतह पर जमा हानिकारक तत्त्व निकल जाते हैं । बासी खाना न खाएं।
त्वचा का रखें खास खयाल –
बारिश में त्वचा की नमी बढ़ जाती है। छोटे-छोटे कीड़ों के काटने से स्किन एलर्जी होती है। इससे खुजली, लाल चकत्ते, सांस लेने में तकलीफ के साथ जलन होती है। इससे बचाव के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहनें। ज्यादा देर तक गीले कपड़े पहनकर न रहें।
हाथ हमेशा साफ रखें – बरसात के मौसम में बाहर का खाना या तली भुनी चीजों को खाने से परहेज करें। पानी को उबालकर ठंडा करने के बाद पीएंं। कुछ खाने से पहले हाथ अच्छी तरह से धो लें। किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से परामर्श लें। देरी न करें, परेशानी बढ़ सकती है।
लक्षण पहचानें –
बरसात में संक्रमण होने पर दस्त, उल्टी, पीठ में दर्द, कमजोरी की शिकायत होती है। इस कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पानी की अधिक कमी होने से यूरिन आना बंद हो सकता है। खून का प्रवाह प्रभावित होने से व्यक्ति शॉक में भी जा सकता है।
गाय का घी खाएं –
सौंठ का पाउडर पानी में उबाल कर छान लें। ठंडा कर पीने से पाचनतंत्र ठीक रहता है। खाने में तिल का तेल प्रयोग करें। इससे शरीर को जरूरी पोषक तत्त्व मिलते हैं। गाय का घी खाने से त्वचा रूखी नहीं होती है। देसी गाय का घी सुपाच्य व पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है।

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