ईटिंग डिसऑर्डर के कारण की बात करें तो इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन माना जाता है कि इसके पीछे का कारण ज्यादा स्ट्रेस लेना या वातावरण में आए हुए बदलावों के कारण भी हो सकते हैं,वहीं ईटिंग डिसऑर्डर से पुरषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक होती है, इसके होने पर या तो व्यक्ति बहुत ही ज्यादा खाता है या बहुत ही कम।
एनोरेक्सिया नर्वोसा के लक्ष्णों की बात करें तो इसके होने पर व्यक्ति को इस बात का डर रहता है कि कहीं उसका वजन बहुत ही ज्यादा तेजी से तो नहीं बढ़ रहा है, इस डर के कारण व्यक्ति खाना का सेवन कम करता है या न के बराबर करता है, उसको कमजोरी आ जाती है और वहीं इसका असर व्यक्ति के इम्यून सिस्टम के ऊपर भी पड़ता है।
-यदि आपको लगता है कि आप भी ओवरईटिंग कर रहे हैं तो ऐसे आप खाने को रूटीन के हिसाब से ही खाएं,जैसे कि ब्रेकफास्ट,लंच हो या डिनर तीनों को टाइम से ही करें।
-जितना भूख लगे उतना ही खाएं,ज्यादा खाने या कम खाने के सेवन को अवॉयड करें,यदि ऐसा आप करते हैं तो आपकी डाइट नहीं बढ़ेगी और आप स्वस्थ रहेंगें ।
-ज्यादा तेल-मसाले युक्त खाने से बचें कोशिश करें कि उतना ही मसाला डालें जितना खाने में जरूरत हो ताकि स्वाद के चक्कर में आप खाना ज्यादा भी न खा पाए और आपके बॉडी को भी न कोई नुकसान पहुंचे।
-कोशिश करें कि बाहर का खाना ज्यादा न खाएं हमेसा कुछ न कुछ हेल्दी ही खाएं।
-रोजाना हरी सब्जियों का और फलों का भरपूर मात्रा में सेवन करें,ताकि आपके पेट से जुड़ी कई बीमारियां भी दूर रहें और पेट की सेहत भी दुरुस्त रहे,और वहीं आपका पेट भी इनसे लंबे समय तक भरा हुआ रहता है और आपको बार-बार खाने कि भी क्रेविंग नहीं होती है।