Leucorrhoea: ल्यूकोरिया क्या है? ल्यूकोरिया को सामान्य भाषा में सफेद पानी या श्वेत प्रदर भी कहा जाता है। यह महिलाओं कि एक आम समस्या है जो कई महिलाओं में पीरियड्स से पहले या बाद में एक या दो दिन सामान्य रूप से होती है। ल्यूकोरिया का अर्थ है, महिलाओं की योनि से सफेद, पीले, हल्के नीले या हल्के लाल रंग का चिपचिपा और बदबूदार स्राव का आना। यह स्त्राव अधिकतर सफेद रंग का ही होता है इसलिए इसे श्वेत प्रदर का नाम दिया गया है। अलग-अलग महिलाओं में स्त्राव की मात्रा एवं समयावधि अलग-अलग होती हैं। इसके कारण प्रजनन अंगों में सूजन आ जाती है।
ल्यूकोरिया के सामान्य लक्षण – कमजोरी महसूस होना एवं चक्कर आना
योनिमार्ग में तेज खुजली एवं चुनचुनाहट होना
भूख न लगना एवं जी मिचलाना
आंखों के सामने अंधेरा छा जाना
चिड़चिड़ापन रहना
हाथ-पैरों और कमर, पेट, पेडू में दर्द
शौच साफ न होना
बार-बार पेशाब आना और पेट में भारीपन बना रहना
आंखों के नीचे काले घेरों का पड़ना
पिंडलियों में खिंचाव एवं शरीर भारी रहना
योनिमार्ग में तेज खुजली एवं चुनचुनाहट होना
भूख न लगना एवं जी मिचलाना
आंखों के सामने अंधेरा छा जाना
चिड़चिड़ापन रहना
हाथ-पैरों और कमर, पेट, पेडू में दर्द
शौच साफ न होना
बार-बार पेशाब आना और पेट में भारीपन बना रहना
आंखों के नीचे काले घेरों का पड़ना
पिंडलियों में खिंचाव एवं शरीर भारी रहना
ल्यूकोरिया से बचाव के उपचार ल्यूकोरिया का सबसे बड़ा कारण ठीक से सफाई न होना है। अतः योनि की सफाई और उसे सूखा रखना बेहद जरूरी है अन्यथा संक्रमण फैलने से यह समस्या हो सकती है।
अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें। पर्याप्त पोषण युक्त चीजों का सेवन करें और स्वस्थ रहने का प्रयास करें।
रात को पानी में अंजीर भिगोकर रखें और सुबह गुनगुने पानी से इसे पीसकर खाली पेट सेवन करें।
शरीर में खून की कमी भी ल्यूकोरिया का कारण बन सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए आयरन से भरपूर चीजों का सेवन करें ताकि हीमोग्लोबिन का लेवल कम न हो।
पीरियड्स के समय भी सफाई का विशेष ध्यान रखें। हर 4 से 6 घंटे में पैड बदलते रहें और हल्के गर्म पानी से प्राइवेट पार्ट की सफाई करें, ताकि की कीटाणु न रहे।
सूती अंडरगार्मेंट का प्रयोग करें और दिन में दो बार इसे बदले।
अधिक नमक एवं मसालेदार भोजन का सेवन न करें।
पौष्टिक भोजन लें। फल एवं रेशेदार सब्जियों को अधिक से अधिक अपने आहार में शामिल करें।
अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें। पर्याप्त पोषण युक्त चीजों का सेवन करें और स्वस्थ रहने का प्रयास करें।
रात को पानी में अंजीर भिगोकर रखें और सुबह गुनगुने पानी से इसे पीसकर खाली पेट सेवन करें।
शरीर में खून की कमी भी ल्यूकोरिया का कारण बन सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए आयरन से भरपूर चीजों का सेवन करें ताकि हीमोग्लोबिन का लेवल कम न हो।
पीरियड्स के समय भी सफाई का विशेष ध्यान रखें। हर 4 से 6 घंटे में पैड बदलते रहें और हल्के गर्म पानी से प्राइवेट पार्ट की सफाई करें, ताकि की कीटाणु न रहे।
सूती अंडरगार्मेंट का प्रयोग करें और दिन में दो बार इसे बदले।
अधिक नमक एवं मसालेदार भोजन का सेवन न करें।
पौष्टिक भोजन लें। फल एवं रेशेदार सब्जियों को अधिक से अधिक अपने आहार में शामिल करें।
Leucorrhoea: अधिक संख्या में महिलाओं को ल्यूकोरिया की समस्या “ट्रिकोमोन्स वेगिनेल्स” नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। इस संक्रामक ल्यूकोरिया की जांच किसी अच्छे महिला रोग विशेषज्ञ से अवश्य करवानी चाहिए, अन्यथा लापरवाही से रोग भयंकर रूप धारण कर सकता है।