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सेहतमंद रहने के लिए पौष्टिक खाने से जरूरी क्या है!

locationजयपुरPublished: May 24, 2019 07:48:51 pm

Submitted by:

Ramesh Singh

अच्छा स्वास्थ्य सिर्फ पौष्टिक भोजन पर निर्भर नहीं करता है, यह इस पर भी निर्भर करता है कि शरीर उस भोजन को कितना अच्छे से पचा पाता है। इसके लिए चुस्त-दुरुस्त पाचन तंत्र जरूरी है।

digestion problem

जानिए सेहत के लिए पौष्टिक खाने से जरूरी बात

पाचन वह प्रकिया है जिससे भोजन और पेय पदार्थ को शारीरिक गतिविधि के लिए ऊर्जा, पोषण मिलता है। पाचन तंत्र के ठीक से काम न करने से भोजन बिना पचे मल के रूप में निकल जाता है, जिससे शरीर कमजोर होता है।
कच्ची डकार आना
पेट की अंदरूनी परत भोजन को पचाने के लिए कई पाचक तत्व स्रावित करती है। खाने के बाद खट्टी डकारें आती हैं। भोजन नली के खुलने से एसिड मिला भोजन बाहर आ जाता है। इससे सीने में दर्द, तेज जलन होती है। मुंह का स्वाद कड़वा हो जाता है। खाने के तुरंत बादइ सोने से भी हो सकती है।
इसलिए दिक्कत : शारीरिक रूप से निष्क्रियता, तय समय पर खाना न खाना, मोटापा और तंग कपड़े पहनने से पेट पर दबाव, ज्यादा मसालेदार भोजन, जूस, सॉस, खट्टे फल, लहसुन के प्रयोग से हो सकता है।
ये उपाय करें : सुबह उठने के बाद एक गिलास गुनगुना पानी पीएं। फलियां, कद्दू, गोभी, गाजर और लौकी, फलों में केला, तरबूज खाएं। तरबूज का रस एसिडिटी दूर करने में कारगर है।
गैस की समस्या

लंबे समय से पाचन खराब रहने व कब्ज की वजह से गैस की समस्या ज्यादा होती है। निष्क्रिय जीवनशैली व खानपान की गलत आदतों के कारण यह समस्या अधिक बढ़ रही है। लंबे समय से एसिडिटी से अल्सर का खतरा बढ़ता है।
इसलिए दिक्कत : वसा और प्रोटीनयुक्त भोजन की तुलना में कार्बाेहाइड्रेटयुक्त भोजन ज्यादा गैस बनाता है। कब्ज होने पर भोजन अधिक देर तक बड़ी आंत में रहता है। तनाव भी बड़ा कारण है।
ये उपाय करें : लहसुन की तीन कलियां, अदरक का टुकड़ा खाली पेट खाएं। खाने के साथ सेंधा नमक, टमाटर खाएं। ठंडा पानी न पीएं। इलायची पाउडर एक गिलास पानी में उबालकर खाने से पहले पीएं।
कब्ज

कब्ज यानी बड़ी आंत में आकर पचा हुआ भोजन रुक जाता है। इससे बड़ी आंत के कार्य करने की प्रक्रिया बाधित होती है। इससे पाचन की प्रक्रिया बिगड़ सकती है। यह खानपान की गलत आदतों, जंकफूड, मैदायुक्त चीजों के ज्यादा प्रयोग, हार्मोन संबंधी गड़बडिय़ों, एंटीबायोटिक व कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट से भी होता है।
इसलिए दिक्कत : डाइटिंग, समय से फ्रेश न होने, हार्मोनल समस्या, थाइरॉयड, रक्त में कैल्शियम की कमी, माहवारी, गर्भावस्था के दौरान, 5-10 साल के डायबिटीज मरीजों में दिक्कत होती है।
ये उपाय करें : रोजाना सर्वांगासन, उत्तानपादासन और भुजंगासन करें, आहार में नीबू के प्रयोग से लिवर स्वस्थ रहता है। तय समय पर खाने से बायोलॉजिकल क्लॉक सही रहती है।
पेट फूलना

गैस, बड़ी आंत का कैंसर, हर्निया की वजह से पेट फूल सकता है। ज्यादा वसायुक्त भोजन करने से पेट देर से खाली होता है, जो बेचैनी बढ़ाता है। ज्यादा गर्मी, शारीरिक सक्रियता की कमी से भी पेट में तरल पदार्थ रुकने से तकलीफ हो सकती है। नमक और कई दवाएं भी वजह हो सकती हैं।
इसलिए दिक्कत : ज्यादा वसायुक्त व कुछ कार्बोहाइड्रेट को भी शरीर कई बार पचा नहीं पाता है। गैस बनना भी प्रमुख कारण है।
ये उपाय करें : आधा चम्मच अदरक चूर्ण,एक चुटकी हींग, सेंधा नमक मिलाकर एक कप गर्म पानी में डालकर पीएं।
एक्सपर्ट — डॉ. प्रमोद मिश्र, आयुर्वेद विशेषज्ञ, राजस्थान आयुर्वेद विवि, जोधपुर

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