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Stealth Omicron ने बढ़ाया डर, ये क्या है और इससे अस्पताल में भर्ती होने का कितना खतरा?

locationनई दिल्लीPublished: Jan 24, 2022 02:58:41 pm

Submitted by:

Neelam Chouhan

ओमिक्रॉन के केसेस लगातार तेजी से बढ़ते जा रहे हैं वहीं ओमिक्रॉन के बढ़ते केसेस के बीच में एक नए वेरिएंट का पता चला है जिसका नाम है है स्टील्थ ओमिक्रॉन। ये नया वेरिएंट RT-PCR टेस्ट से भी खुद का बचाव कर सकता है, इसलिए माना जा रहा है कि ये कोरोना की आने वाली एक और लहर का कारण भी बन सकता है।

Stealth Omicron ने बढ़ाया डर, ये क्या है और इससे अस्पताल में भर्ती होने का कितना खतरा?

Stealth Omicron

कोरोना के वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते हुए केसेस के बीच में ही एक नया वेरिएंट सामने आया है जिसका नाम है स्टील्थ ओमिक्रॉन, इसने डर के इस माहौल को और बढ़ा दिया है कि क्योंकि ये नया वेरिएंट माना जा रहा है कि RT-PCR से भी खुद का बचाव कर सकता है। वहीं ये भारत समेत 40 देशों में फ़ैल गया है यूरोपीय देशों में भी तेजी से फैलता हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं इस बात का भी डर है कि , ये नया वेरिएंट कहीं ज्यादा ट्रांसमिसिबल तो नहीं है।

क्या है ये स्टील्थ ओमिक्रॉन
आपको बताते चलें कि इस वायरस की पहचान सबसे पहले यूनाइटेड किंगडम के हेल्थ एजेंसी ने की है, वहीं कई डॉक्टर्स का ये कहना है कि वायरस का नेचर विकसित है, इसलिए नए-नए वायरस का खतरा बना रह सकता है, कई गंभीर वायरस भी निकल के सामने आ सकते हैं। इन वायरस का पता जीनोमिक सर्विलांस के जरिए लगाया जा सकता है,कि ये ज्यादा खतरनाक है या नहीं या ये कितने गंभीर है, इनसे कितना डरना चाहिए और कितना नहीं।
स्टील्थ ओमिक्रॉन के बारे में जानिए वैज्ञानिकों का क्या कहना है-
आपको बताते चलें कि स्टटेन्स सीरम इंस्टिट्यूट के शोधकर्ता हैं एक एंडर्स फॉर्म्सगार्ड उनका कहना है कि जितने भी वैरिएंट्स हैं वे कितने तेजी से बढ़ रहे हैं या विकास कर रहे हैं,इस बात को अच्छे से समझाया जा सकता है, आगे उन्होंने ये भी कहा है कि इस वायरस कि ग्रोथ से वे भी परेशान है लेकिन चिंतित नहीं है। उन्होंने ये भी बताया है कि इसकी अंदाज़ा भी अभी नहीं लगा सकते हैं कि BA 1 से संक्रमित होने के बाद आप BA-2 की चपेट में आ सकते हैं या नहीं, ये एक सम्भावना हो सकती है और हमें इसके लिए रेडी रहना चाहिए। यदि ये ज्यादा बढ़ जाता है तो वहीं माहमारी कि स्थिति भी पैदा हो सकती है।
हॉस्पिटल जाने का कितना खतरा है
आपको बताते चलें कि डेनमार्क के SSI के स्टार्टिंग के डेटा की माने तो BA 1 की यदि तुलना की जाती है तो BA 2 के लिए हॉस्पिटल्स में एडमिट होने के मामलों में कोई भी अंतर को अभी तक नहीं देखा गया है, वहीं बहुत से स्वास्थ्य विषेशज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि ये नए वेरिएंट्स RT-PCR से भी खुद का बचाव कर सकते हैं, इसलिए जितना हो सके बिना काम के बाहर न निकलना ही सेफ्टी है।
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