आपको बताते चलें कि स्टटेन्स सीरम इंस्टिट्यूट के शोधकर्ता हैं एक एंडर्स फॉर्म्सगार्ड उनका कहना है कि जितने भी वैरिएंट्स हैं वे कितने तेजी से बढ़ रहे हैं या विकास कर रहे हैं,इस बात को अच्छे से समझाया जा सकता है, आगे उन्होंने ये भी कहा है कि इस वायरस कि ग्रोथ से वे भी परेशान है लेकिन चिंतित नहीं है। उन्होंने ये भी बताया है कि इसकी अंदाज़ा भी अभी नहीं लगा सकते हैं कि BA 1 से संक्रमित होने के बाद आप BA-2 की चपेट में आ सकते हैं या नहीं, ये एक सम्भावना हो सकती है और हमें इसके लिए रेडी रहना चाहिए। यदि ये ज्यादा बढ़ जाता है तो वहीं माहमारी कि स्थिति भी पैदा हो सकती है।
आपको बताते चलें कि डेनमार्क के SSI के स्टार्टिंग के डेटा की माने तो BA 1 की यदि तुलना की जाती है तो BA 2 के लिए हॉस्पिटल्स में एडमिट होने के मामलों में कोई भी अंतर को अभी तक नहीं देखा गया है, वहीं बहुत से स्वास्थ्य विषेशज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि ये नए वेरिएंट्स RT-PCR से भी खुद का बचाव कर सकते हैं, इसलिए जितना हो सके बिना काम के बाहर न निकलना ही सेफ्टी है।