जानें आर्थराइटिस के लक्षण
आर्थराइटिस करीब 200 तरह का होता है। किसी भी तरह की गठिया में या ऑर्थराइटिस में शरीर के विभिन्न जोड़ों में सूजन आने लगती है। इस सूजन के चलते जोड़ों में दर्द, जकड़न और फुलाव होने लगता है। जब ये समस्या ज्यादा बढ़ने लगती है तो चलने-फिरने या हिलने-डुलने में भी परेशानी होने लगती है।
इस लिए होती है समस्या
इस रोग में शरीर के अंगों के जोड़ बढ़ती उम्र के साथ-साथ पुराने होकर घिसने लगते हैं। ऐसा हर इंसान के जोड़ों में होता है। इस रोग में कार्टिलेजों यानी हड्डियों के सिरों को ढकने वाले सुरक्षा उत्तकों में विकार आ जाता है। इससे इनमें सूजन आ जाती है और हड्डियों के जोड़ परस्पर रगड़ खाने लगते हैं। ऐसा प्राय घुटनों, नितंबों, उंगलियों तथा मेरू की हड्डियों में होता है। वैसे कलाइयों, कोहनियों, कंधों तथा टखनों के जोड़ भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। ये स्थिति चोटिल या ज्यादा काम में आने वाले जोड़ों को अधिक प्रभावित करती है। कभी-कभार शरीर दर्द या जोड़ों का दर्द हर किसी को होता है।
एेसे करें ऑर्थराइटिस की पहचान
शुरुआती दौर में फिजिकल वर्क या एक्सरसाइज करने के बाद ऐसे दर्द होते हैं। लेकिन कई बार आर्थराइटिस होने के बाद बिना किसी कारण भी दर्द होता है। आगे चलकर जोड़ों में थोड़े-थोड़े अंतराल पर या हमेशा दर्द होता रहता है और उनमें सूजन आने लगती है। फिर जोड़ों में अकडऩ होने लगती है। प्रभावित जोड़ों में हड्डियों के परस्पर रगड़ खाने आवाज भी आने लगती है।
लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाकर खुद ही ऑर्थराइटिस में सुधार लाया जा सकता है। लेकिन ये जब ज्यादा बढ़ जाता है तो, लेकिन जब दवाओं से भी बात नहीं बने तो सर्जरी की नौबत आ जाती है। बीमारी जब ज्यादा एडवांस स्टेज में पहुंच जाए तो ज्वाइंट रिप्लेसमेंट का ही विकल्प बचता है। देश में इस बीमारी को लेकर जागरुकता कम होने की वजह से शुरुआती स्तर पर सही इलाज नहीं हो पाता जिससे सर्जरी करानी पड़ सकती है।