एक से दो घंटे हर व्यक्ति रात को सोते वक्त सपने देखता है जिसमें केवल कुछ चुनिंदा सपने ही उसे सुबह तक याद रहते हैं।
गुजरे समय से जुड़े होते सपने…
बार-बार आने वाले सपने पहले हुई किसी मानसिक वेदना, आघात और संघर्ष समेत अन्य तरह की परेशानियों से उबर न पाने की स्थिति को दर्शाता है। गुजरी हुई बात रात को सोते वक्त दिमाग में चलती है। व्यक्ति अपनी दुनिया में रहता है और दूसरों से अलग हो जाता है।
ऐसी तकलीफ तो भी बेहतर इलाज संभव…
नींद न आना, सोने की अलग-अलग मुद्रा, नींद में आंख मुंह-खुला रहना गंभीर बीमारी के लक्षण हैं। परिवार का दूसरा सदस्य ही रोगी की इस परेशानी को बता सकता है। रोगी को पहले उसकी परेशानी के बारे में बताते हैं। रात को सोते वक्त जरूरी सावधानी बरतने के लिए भी कहा जाता है।
इलाज…
सपनों के आधार पर जब रोगी को दवा दी जाती है, तो सपनों पर भी फर्क पड़ता है। सोते वक्त चिल्लाना, हंसना, गुस्सा करना समेत अन्य परेशानियों से निजात मिलती है। दवा के असर से बुरे सपने कम होते या रुक जाते हैं, अच्छे सपने आने लगते हैं। १०० से २०० तरह की दवाइयां है, जिनकी मदद से अलग-अलग रोगों का इलाज होता है।
नोट: मरीज कोई भी दवा मन से न लें। योग्य चिकित्सक की सलाह से ही इन्हें लें।
कंटेंट: मनीष कुमार सिंह।