स्वास्थ्य

अगर आप भी कर रहे हैं नींद में कटौती तो हो जाएं सावधान

क्या आप जानते हैं आपकी कच्ची नींद आपके सेहत के लिए कितना बड़ा नुकसानदेह साबित हो सकती है।

Feb 07, 2022 / 10:49 pm

Divya Kashyap

अगर आप भी कर रहे हैं नींद में कटौती तो हो जाएं सावधान

नई दिल्ली। कच्ची नींद से आपकी तबियत पर पूरा गहरा प्रभाव पढ़ता है । आपकी तबियत को तंदुरुस्त रखने के लिए नींद सबसे जरूरी चीज आप जानते हैं अधूरी नींद कई सारी बीमारी का कारण है। नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन नींद न आने से शरीर में कई दिक्कतें बढ़ सकती हैं। कैफीन या एल्कोहल लेना, धूम्रपान करना, सोने का समय निर्धारित न होना, देर रात तक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का इस्तेमाल भी नींद को प्रभावित करते हैं। ऐसे में इनमें बचें ताकि अन्य बीमारियों का खतरा कम किया जा सके।
जितनी अच्छी निंद्रा होती है उतना ही तेज आपका मस्तिक विकास करता है। साथ ही आप उतने ही फ्री माइंडेड हो कर किसी भी डिसीजन को बना पाते हैं। डॉक्टर की सलाह के अनुसार भी 8 घंटे की नींद को पर्याप्त नींद माना जाता है । और आप को कम से कम 6 से 7 घंटे की नींद तो लेनी ही चाहिए। अच्छी नींद के कारण आप कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर सकते हैं । जिसमें से डिप्रेशन और स्ट्रेस तो नंबर वन पर है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको गुड स्लीप साइकिल फॉर गुड हैल्थ के विषय में बताने जा रहे हैं।
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डिप्रेशन
अवसाद या डिप्रेशन का एक बड़ा कारण अधूरी नींद या अनिद्रा भी है। सही समय पर ध्यान ना देने के कारण उनमें चिड़चिड़ाहट, भूख ना लगना, अकारण गुस्सा आना और नींद न आना जैसी समस्याएं भी जन्म लेने लगती हैं। इससे कई अन्य बीमारियां भी शरीर में घर करने लगती हैं।
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आलस से भी है एक बड़ा कारण
आलस्य, अनिद्रा से ग्रस्त लोगों में सबसे आम लक्षण है। व्यक्ति खुद को अस्वस्थ महसूस करता है जो उसके सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन पर बूरा असर डालता है।

पर्याप्त नींद है कितना महत्वपूर्ण
पर्याप्त नींद लेने से व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ती है। जो लोग पूरी नींद नहीं लेते वो दिन भर आलस्य और सुस्ती महसूस करते हैं जिससे कोई भी कार्य करने में एकाग्रता नहीं बन पाती।
नींद पूरा करना बहुत जरूरी है
दरअसल आज के समय में निजी नौकरी और अन्य तरह की भागदौड़ में लोगों के पास सोने का समय कम रह जाता है, लोग देर रात तक काम करते हैं मगर भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं। सुबह जल्दी उठकर स्कूल, कॉलेज या ऑफिस के लिए निकल जाते हैं, ऐसे में नींद पूरी ना होना लाजिमी है, मगर उनको इस बात का अहसास नहीं होता कि यदि नींद पूरी नहीं की तो दूसरी बीमारियों के शिकार हो जाएंगे।

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