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रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म में चौंकाने वाला खुलासा, आरोपी पहले भी कर चुके हैं ऐसी वारदातें

locationहिसारPublished: Sep 23, 2018 09:21:32 pm

रेवाड़ी में छात्रा से हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में मुख्य आरोपित विशेष जांच दल (एसआइटी) को बड़ी सफलता मिली है।

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रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म में चौंकाने वाला खुलासा, आरोपी पहले भी कर चुके हैं ऐसी वारदातें

रेवाड़ी। रेवाड़ी में छात्रा से हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में मुख्य आरोपित विशेष जांच दल (एसआइटी) को बड़ी सफलता मिली है। छात्रा के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम देकर फरार आरोपियों को एसआईटी ने पकडऩे में सफलता हासिल की है। दोनों को एक ढाबे में रेड के दौरान गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा, ताकि पुलिस बारीकी से मामले का खुलासा कर सके।

हालाकि फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए दर्जनों टीमें राजस्थान व हरियाणा में दबिश दे रही थी, लेकिन आरोपी महेंद्रगढ़ में ही कहीं छिपकर बैठे थे। एसआइटी ने मामले में फरार चल रहे दो मुख्य आरोपियों पंकज फौजी और मनीष को भी गिरफ्तार कर लिया है। पंकज सेना का जवान है, जो पीडि़त छात्रा को पहले से जानता था। उसी की वजह से छात्रा इस विभत्स घटना का शिकार हुई थी।

पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोपियों केे खिलाफ कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। फिलहाल एसआइटी टीम और हरियाणा पुलिस के अधिकारी गिरफ्तार दोनों आरोपियों से मामले में पूछताछ कर रही है। पुलिस ये भी जानने का प्रयास कर रही है कि फरारी के दौरान किन-किन लोगों ने इन्हें छिपाने में मदद की। वारदात में और कितने लोग शामिल हैं। आरोपियों का मेडिकल परीक्षण करा शाम तक पुलिस इन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज देगी। पुलिस कोर्ट में दोनों आरोपियों की रिमांड के लिए भी आवेदन कर सकती है।

दिल दहला देनी वाले इस सामूहिक दुष्कर्म में पुलिस पहले ही एक मुख्य आरोपी निशु समेत दो अन्य आरोपियों डॉ. संजीव और दीन दयाल को गिरफ्तार कर चुकी है। निशु को 21 सितंबर को कोर्ट ने चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया था। वहीं डॉ. संजीव और दीन दयाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। वारदात में तीन मुख्य आरोपियों पंकज फौजी, मनीष और निशु ने छात्रा को खेत में बने ट्यूबवेल के कमरे में बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था।

तीनों आरोपी उसी गांव के रहने वाले हैं,जहां छात्रा रहती है। दुष्कर्म के दौरान छात्रा की तबितय बिगडऩे पर आरोपियों ने डॉ. संजीव को बुलाकर उसका प्राथमिक उपचार भी कराया था। बावजूद डॉ. संजीव ने पुलिस को सूचना नहीं दी थी। सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को जिस कमरे में अंजाम दी गई वह दीन दयाल का था। इसलिए पुलिस ने डॉ. संजीव और दीन दयाल को भी वारदात में शामिल मानते हुए गिरफ्तार किया है। वहीं पीडि़त परिवार ने पूरी वारदात में 10 से 12 लोगों के शामिल होने की आशंका व्यक्त की थी। लिहाजा पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर वारदात में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।

रविवार सुबह महेंद्रगढ़ के ढाबे से पकड़े गए दोनों आरोपी
सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोनों आरोपित पंकज फौजी व मनीष कुमार की गिरफ्तारी की जानकारी देने के लिए एडीजीपी साउथ रेंज श्रीकांत जाधव की मौजूदगी में एसआइटी प्रमुख व नूंह की एसपी नाजनीन भसीन ने पत्रकार वार्ता की। एडीजीपी जाधव व भसीन ने कहा कि पकड़े गए आरोपितों से हुई पूछताछ व अब तक की जांच में यह स्पष्ट सा हो रहा है कि यह दुष्कर्म जैसे अपराध का संगठित गिरोह है।

भसीन के अनुसार पंकज फौजी व मनीष की गिरफ्तारी महेंद्रगढ़ जिले के सतनाली गांव के एक ढाबे से की गई है। दोनों को रविवार सुबह लगभग 6 बजे गिरफ्तार किया गया है। पुलिस कई दिन से दोनों आरोपियों के पीछे लगी थी। एडीजी ने बताया कि आरोपित लगातार अपने ठिकाने बदल रहे थे। कभी इनके उत्तराखंड में होने की तो कभी राजस्थान में होने की जानकारी मिली। सूचनाओं के आधार पर पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही थी। पैसों के अभाव में दोनों आरोपित खानाबदोश की तरह रह रहे थे। कभी किसी जंगल में कभी किसी के खेत में इन्होंने अपना ठिकाना बनाया। वारदात के बाद ये इसी तरह से छिपते हुए घूम रहे थे। एक बार इनके गोगामेढी के मेले में भी होने की जानकारी मिली थी।


एसआइटी प्रमुख व नूंह की एसपी नाजनीन भसीन ने बताया कि आरोपियों ने पुलिस से बचने के लिए अपने मोबाइल बंद कर जमीन में दबा दिए थे तथा बातचीत करने व पुलिस की कार्रवाई की जानकारी जुटाने के लिए अकसर दूसरों के मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अब तक की जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि घटनास्थल पर सिर्फ पांच लोग थे। जिनमें तीन मुख्य आरोपित व दो सहआरोपित थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 12 लोग होने की बात प्रारंभिक जांच में सही नहीं लग रही है, लेकिन हम चर्चाओं की भी बारिकी से जांच करेंगे। अगर संख्या और अधिक हुई तो बाकी आरोपितों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। पीडि़ता ने अपनी प्राथमिकी में जो नाम दिए थे वे सभी गिरफ्तार हो चुके हैं।

फास्ट ट्रैक कोर्ट का करेंगे अनुरोध
एसआइटी इंचार्ज ने बताया कि हम सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का अनुरोध करेंगे। क्या प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस ने शुरूआत में लापरवाही की, इस सवाल पर एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने कहा कि लापरवाही की जांच की जा रही है। अगर जांच में लापरवाही साबित हुई तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। भसीन ने कहा कि जिस कोठरी में सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया गया वह कोठरी अपराधों का अड्डा है। पूर्व में भी यहां पर इस तरह की वारदातें होती रही है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि ट्यूबवैल मालिक दीनदयाल को लंबे समय से अपनी कोठरी में होने वाले दुष्कर्म जैसे अपराधों की जानकारी थी। भसीन ने यह भी कहा कि अभी नाहड़ के विश्राम गृह में एसआइटी का कैंप कार्यालय कायम रहेगा।

पहले भी कईयों से किया है सामूहिक दुष्कर्म
भसीन ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों द्वारा संगठित अपराध की बात सामने आने के बाद जरूरी है कि वे अन्य पीडि़ता भी सामने आए जिनके साथ यह गिरोह वारदात कर चुका है। मैं उन अभिभावकों व पीडि़ताओं से यह अपील करती हूं कि वे खुलकर सामने आए। उनकी पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी। अभिभावक व पीडि़त महिलाएं व युवतियां पूरे भरोसे के साथ एसआइटी के समक्ष आ सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पीडि़ता चाहेगी तो धारा 164 के बयान दोबारा करवाए जाने की कानूनी संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। पुलिस को ऐसा अवसर दिए जाने में कोई संकोच नहीं है।

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