इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे दिग्विजय चौटाला ने सांसद दुष्यंत और अपने पार्टी से निष्कासन पर प्रतिक्रिया में कहा है कि आगामी पांच नवम्बर को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी। दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला के पिता व अभय सिंह चैटाला के बडे भाई अजय सिंह चौटाला पांच नवम्बर को पेरोल पर जेल से बाहर आयेंगे। अजय सिंह चैटाला के साथ ही दोनों भाई आगे की रणनीति तय करेंगे।
नई दिल्ली में आहूत बैठक पर चौधरी अभय सिंह चौटाला खेमे की कड़ी नजर है। इस खेमे के नेताओं का दावा है कि दुष्यंत और दिग्विजय के निष्कासन के बाद पार्टी एकजुट है। पार्टी का प्रत्येक नेता व कार्यकर्ता ओपी चौटाला से जुडा हुआ है और दुष्यंत की ओर जाने की कोई संभावना नहीं है। नई दिल्ली बैठक में इनसो से जुडे हुए छात्र व कुछ युवा ही पहुंचेंगे। पार्टी का कोई वरिष्ठ नेता दुष्यंत खेमे में नहीं गया है। बैठक को बहुत समर्थन मिलने के आसार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह पर पिछले 7 अक्तूबर को गोहाना में चौधरी देवी लाल के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सम्मान दिवस रैली में खासकर अभय सिंह चौटाला के खिलाफ नारेबाजी करवाने के आरोप लगाए गए थे। रैली के मंच पर उस समय ओपी चौटाला भी मौजूद थे और उन्होंने इस तरह की अनुशासनहीनता पर दोषी लोगों को पार्टी से बाहर करने की चेतावनी भी दी थी। इनेलो के चंडीगढ स्थित कार्यालय से शुक्रवार शाम जारी किए गए बयान में कहा गया था कि चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने पार्टी कार्यालय को सूचित किया है कि वास्तव में इस मामले में उन्हें किसी भी बाहरी प्रमाण की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि वह स्वयं उस आयोजन में उपस्थित थे और उन्होंने अनुशासनहीनता और हुड़दंगबाजी की घटनाएं स्वयं देखी और यह भी देखा कि स्वयं उनके भाषण में भी लगातार बाधा डाली गई परंतु फिर भी उन्होंने इस पूरे मामले को अनुशासन समीति को सौंपा था। समीति इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि दोनों अनुशासनहीनता के दोषी हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह देखते हुए कि दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह उनके अपने परिवार के हैं, इसलिए उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई करना उनके लिए सरल निर्णय नहीं था। किन्तु वे जीवनपर्यंत जननायक चौधरी देवीलाल के सिद्धांतों और आदर्शों की पालना करते रहे हैं और जननायक की तरह ही वह भी यह मानते हैं कि पार्टी किसी भी व्यक्ति विशेष या परिवार के सदस्य से बड़ी होती है। अतः वे इस मामले में अनुशासन समीति की सिफारिशों से सहमत हैं। इसलिए उन्होंने पार्टी कार्यालय को यह निर्देश दिया है कि उनके निष्कासन के फैसले को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए।