प्राइमरी स्कूलों में अध्यापकों के बीस हजार पद खाली होने का दावा
इनेलो नेता ने कहा है कि वास्तविकता यह है कि प्राइमरी सरकारी स्कूलों में लगभग 20 हजार पद अध्यापकों और सीनियर सेकंडरी स्कूलों में लगभग 15 हजार पद खाली पड़े हंै। इसी तरह से हाई स्कूलों में लगभग छह हजार पद खाली पड़े हैं और तीन हजार से अधिक स्कूल बिना मुख्य अध्यापकों के ही चल रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में तो शिक्षा की हालत और बदत्तर है क्योंकि वहां आधे से ज्यादा स्कूलों में तो अध्यापक ही नहीं हैं। हरियाणा सरकार चुनाव या जनगणना आदि जैसे कार्यों के लिए अध्यापकों की ड्यूटियां लगाती है, जिससे बच्चों की बढ़ाई पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
सरकार के दावे, झूठ का पुलिंदा
इनेलो नेता ने बताया कि पिछले पांच वर्ष में प्रदेश में लगभग 300 सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं जिसकी वजह से ग्रामीण अंचल के बच्चों के लिए शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। सरकार का ये दावा भी झूठ का पुलिंदा है कि स्कूलों में लड़के और लड़कियों के लिए अलग से शौचालय बनाए गए हैं जबकि असलियत में स्कूलों में जाकर देखा जाए तो बेटियों के लिए शौचालयों की कमी के कारण कई बार उनको बाहर जाना पड़ता है, जिसकी वजह से उनके साथ शोषण जैसी घटनाएं घटती हैं। इनेलो नेता ने बताया कि प्रदेश में शिक्षा में सुधार के लिए कुल बजट में से नाम मात्र ही खर्च किया जा रहा है।