पिछले एक साल के दौरान कई अवसर ऐसे भी आए जब मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्रियों में वैचारिक मतभेद उजागर हुए। यही नहीं मुख्यमंत्री खट्टर पर अपने विधायकों व कार्यकर्ताओं से दूरी बनाकर रखने के आरोप लगते रहे हैं। पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री सत्ता व संगठन की बीच की दूरी को समाप्त करने की दिशा में कई अहम प्रयास कर रहे हैं। आज मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित लंच कार्यक्रम में राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी भले ही विशेष अतिथि रहे हों लेकिन सभी की नजरें इस कार्यक्रम में पहुंचे मंत्रियों तथा बोर्ड व निगमों के अध्यक्षों की तरफ थी।
सीएम के इस कार्यक्रम में राज्य के सभी मंत्रियों, बोर्ड व निगमों के चेयरमैन, पहली कतार के आईएएस व आईपीएस अधिकारियों, एचपीएससी व एसएस बोर्ड के अध्यक्षों व सदस्यों, सूचना आयुक्तों आदि को बुलाया गया था। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री खट्टर सभी से व्यक्तिगत तौर पर मिले।
मुख्यमंत्री की नौकरशाहों तथा जनप्रतिनिधियों का साथ बेहद संक्षिप्त मुलाकात के दौरान चर्चा का विषय केवल परिवारिक बातचीत ही रहा। जिसके माध्यम से मुख्यमंत्री ने पहली बार प्रदेश के मुखिया होने का संकेत दिया और सभी लोगों को टीम भावना के साथ काम करने का संदेश दिया।
यहां भी ट्रैक से अलग चले अनिल विज
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर द्वारा आयोजित दोपहर के भोजन के अवसर पर जहां वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, कर्ण देव कंबोज, कृष्ण बेदी, मुनीष ग्रोवर समय पर पहुंचे और मुख्यमंत्री के साथ राज्यपाल की अगुवानी की वहीं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज आज भी अन्य सहयोगियों से अलग चले।
हालही में आयोजित चिंतन शिविर के दौरान अनिल विज सीएम के निर्देशों का उलंघन करते हुए अपनी गाड़ी से टिंबर ट्रैल गए थे वहीं नए साल के पहले आयोजन में भी विज ने खुद को अलग दिखाया। हरियाणा निवास में आयोजित कार्यक्रम में अनिल विज उस समय पहुंचे जब राज्यपाल, मुख्यमंत्री व प्रदेश के अन्य मंत्री भोजन कर चुके थे। अनिल विज राज्यपाल से उस समय रूबरू हुए जब वह समारोह स्थल से वापस लौटने वाले थे।
रामबिलास की अनुपस्थिति रही चर्चा का विषय
आज हरियाणा निवास में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के लगभग सभी मंत्रियों एवं जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया लेकिन राज्य के संसदीय कार्य मंत्री रामबिलास शर्मा, कृषि मंत्री ओ.पी.धनखड़, स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन अपने-अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में व्यस्त रहे। यहां धनखड़ व जैन के मुकाबले राम बिलास शर्मा की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही।