scriptहरियाणा विद्यार्थी परिषद ने की प्रत्यक्ष प्रणाली और लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के तहत चुनाव की मांग | Demand for election under Lyngdoh committee recommendations | Patrika News

हरियाणा विद्यार्थी परिषद ने की प्रत्यक्ष प्रणाली और लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के तहत चुनाव की मांग

locationहिसारPublished: Aug 02, 2018 04:45:11 pm

Submitted by:

Shailesh pandey

हरियाणा विद्यार्थी परिषद ने गुरूवार को यहां मांग की कि प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली और जेएम लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के तहत कराए जाने चाहिए

student election image

student election image

(राजेंद्र सिंह जादोन की रिपोर्ट )

चंडीगढ। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा दो दिन पहले प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव इसी सत्र से कराए जाने की घोषणा किए जाने के बाद सरगर्मियां शुरू हो गई है। हरियाणा विद्यार्थी परिषद ने गुरूवार को यहां मांग की कि प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली और जेएम लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के तहत कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद छात्रसंघ चुनाव के लिए तैयार है।

 

कमेटी की सिफारिशें सार्वजनिक करेें


हरियाणा विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री सुनील भारद्वाज ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि संगठन प्रदेश के सभी शिक्षा संस्थानों में प्रत्यक्ष प्रणाली और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित की गई जेएम लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के तहत छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने छात्रसंघ चुनाव कराने के मुद््दे पर गुरू जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के कुलपति टंकेश्वर की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी की सिफारिशें सार्वजनिक कर यह बताया जाना चाहिए कि आखिर में कमेटी ने कई सिफारिशें दी है।

 

छात्रसंघ चुनाव बहाली के लिए लगातार संघर्ष किया


भारद्वाज ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में छात्रसंध चुनाव कराने का साहसिक फैसला किया है। इधर विद्यार्थी परिषद भी छात्रसंघ चुनाव बहाल रखने के लिए निरन्तर संघर्ष करता रहा है। वर्ष 1988 में हिसार में छात्र महापंचायत का आयोजन कर तत्कालीन देवीलाल सरकार से छात्रसंघ चुनावों की बहाली करवाई। इसे बाद 1996 में फिर छात्रसंघ चुनाव रोक दिए गए। तब से लगातार 22 साल विद्यार्थी परिषद ने छात्रसंघ चुनाव बहाली के लिए लगातार संघर्ष किया है। संगठन ने 17 सितम्बर 2010 को विधानसभा का घेराव किया था। इस पर लाठीचार्ज झेलना पडा। मुकदमे भी दर्ज किए गए जो कि हाईकोर्ट के आदेश पर रद््द किए गए। आज छात्रसंघ चुनाव बहाली का श्रेय लेने के लिए अन्य छात्र संगठन भी प्रयासरत है।

 

राज्य सरकार को 44 सूत्री मांगपत्र दिया


उन्होंने बताया कि संगठन ने राज्य सरकार को 44 सूत्री मांगपत्र दिया है। इसके तहत विश्वविद्यालयों में शिक्षाविद कुलपति लगाए गए है और शिक्षा का व्यापारीकरण रूका है। पिछली सरकारों ने मानक से नीचे योग्यता वाले कुलपतियों के हाथों शिक्षा का व्यापारीकरण कर दिया था। संगठन की मांग है कि शिक्षा में सेमेस्टर प्रणाली समाप्त की जाए। जब साल में एक बार जारी किया जाने वाला परीक्षा परिणाम ही समय पर जारी नहीं किया जा सकता है दो सेमेस्टर प्रणाली के तहत साल में दो बार परीक्षा परिणाम तो और कठिनाई पैदा करेगा। हर जिले में महिला महाविद्यालय और महिला होस्टल खोलने की मांग भी की जा रही है। प्रदेश के 116 डिग्री काॅलेज में से 15 में ही स्थायी प्राचार्य है। बाकी काॅलेज में भी स्थायी प्राचार्य नियुक्त करने की मांग की जा रही है। दस जमा दो स्कूलों में शिक्षकों के 15 हजार पद रिक्त है। इन्हें भरने की मांग की जा रही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो