सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले मंगलवार को सरकारी,अद्र्ध सरकारी, सहकारी विभागों, बोर्डो, निगमों, विश्वविद्यालयों, नगर निगमों, पालिका, परिषदों, सहकारी समितियों, पंचायत समितियों व केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित परियोजनाओं में कार्यरत 112 कर्मचारी संगठनों के करीब 30 हजार कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तारी दी। कई जिलों में पुलिस व जिला प्रशासन ने गिरफ्तार किए कर्मचारियों को गिरफ्तार करने व रिहा करने के प्रयास किए, लेकिन कर्मचारी जेल जाने के लिए अड़ गए। जिसके चलते कर्मचारियों को गिरफ्तार करके पुलिस लाइनों व थानों में ले जाया गया। गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों को दो से तीन घंटे के बाद रिहा किया गया।
सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मबीर फौगाट, महासचिव सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने जेल भरो आंदोलन की सफलता का दावा करते हुए सरकार को अल्टीमेटम दिया कि अगर पहली अक्तूबर तक एस्मा को हटाते हुए रोड़वेज व स्वास्थ्य विभाग के हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ की गई सभी प्रकार की उत्पीडऩ की कार्रवाई को वापस नही लिया और एमपीएचडब्ल्यू व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के गैर शिक्षक कर्मचारियों की मांगों का समाधान करते हुए हड़ताल का बातचीत से निपटान नहीं किया तो 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के अवसर पर सभी जिलों में सुबह 9 से शाम पांच बजे तक सत्याग्रह किए जाएंगे।
महासचिव सुभाष लांबा ने बताया कि आन्दोलन की अगली कड़ी में 20 सितंबर से 20 अक्तूबर तक प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों के विधानसभा हल्को में जनसेवा के विभागों में लागू की जा रही निजीकरण की नीतियों के आम जनता पर पडऩे वाले प्रभावों, खाली पदों को नियमित भर्ती से न भरने ओर जन सेवाओं को बचाने के लिए किए जा रहे आंदोलन को कमजोर करने के लिए सरकार के दमनकारी कदमों की जानकारी देने के लिए जन सभाएं और जन प्रतिनिधियों को लेकर सेमीनार एवं संगोष्ठी की जायेगी।
आंदोलन के अगले चरण में 23 अक्तूबर को आम जनता एवं जन प्रतिनिधियों के साथ लेकर कैबिनेट मंत्रियों के आवासों पर प्रदर्शन किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके बावजूद भी सरकार ने कर्मचारियों की मांगों का बातचीत से समाधान नहीं किया तो सभी विभागों के कर्मचारी 15 नवंबर को प्रदेशव्यापी हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।