जिसके चलते हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चलने वाले ईंट-भ_ों को जहां बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं वहीं खेतों में धान के अवशेष (पराली) जलाने पर भी रोक लगा दी गई है। हरियाणा द्वारा पराली जलाए जाने के कारण हर साल दिल्ली में स्मोग की समस्या पैदा हो जाती है। पिछले वर्ष दिल्ली में पैदा हुई गंभीर स्थिति के बाद एनजीटी ने इस संबंध में कठोर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिसके बाद हरियाणा सरकार गंभीर हो गई है।
अक्तूबर माह के दौरान फीफा विश्व कप के कई मैच दिल्ली में हो रहे हैं। इसके अलावा कोलकाता, कोची, मुंबई, गोवा व गुवाहटी में भी फीफा वल्र्डकप के मैच होंगे। जिन दिनों में यह मैच होने हैं उन दिनों में हर साल अक्सर मौसम में बदलाव के चलते बारिश तथा चौतरफा गुबार की स्थिति बनी रहती है। दूसरा किसानों द्वारा पराली जलाने व ईट-भ_ों की वजह से प्रदूषण फैलता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाए हुए है।
इसे देखते हुए मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के डीसी को आदेश जारी करके एनसीआर जिलों में चल रहे भ_ों को बंद करने के आदेश दिए हैं। जिन भ_ों ने जिग-जैग तकनीकी नहीं अपनाई है वह अगले चार महीनों-अक्तूबर,नवंबर,दिसंबर और जनवरी तक बंद रहेंगे। ढेसी ने अधिकारियों को खरीफ मौसम में पराली व धान के अवशेषों को जलाने से रोकने का प्रबंध करने को कहा है।
इसके लिए सरकार ने जिला स्तर पर डीसी की अध्यक्षता में इंफोरस्मेंट कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी संबंधित विभागों के साथ मिलकर जिला कार्य योजना तैयार करेगी। ढेसी ने पंचायतों से भी आह्वान किया है कि वह पराली व धान के अवशेष नहीं जलाने का प्रण लें और ऐसा करने वाले किसानों की सूचना विभाग को दें। सरकार ने फैसला लिया है कि हरसक बृहस्पतिवार से ही प्रदूषण के संबंध में नियमित तौर पर अपनी सैटेलाइट रिपोर्ट देगा।
दिनरात सक्रिय रहेंगी प्रदूषण एवं पर्यावरण विभाग की टीमें
हरियाणा सरकार ने किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाए जाने की समस्या को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कृषि विभाग की टीमों को दिनरात सक्रिय रहने के निर्देश जारी किए हैं। यह टीमें किसानों को जहां पराली न जलाने के लिए प्रेरित करेंगी वहीं पराली जलाने वाले किसानों के चालान भी किए जाएंगे।