हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है इस समय प्रदूषण की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है लेकिन दीपावली के त्यौहार के साथ सभी धर्मों की भावना जुड़ी हुई है। हाईकोर्ट ने कहा कि दीवाली के दिन पंजाब व हरियाणा में पटाखे जलाने के लिए शाम साढे छह बजे से रात साढे नौ बजे तक का समय तय किया जाता है।
इस समय के बाद पटाखे जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों के जिला उपायुक्तों, पुलिस अधिक्षकों को इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा है कि वह दीपवली के दौरान इस समयावधि के दौरान पुलिस के पीसीआर वाहनों को तैनात करके ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें जो देररात तक पटाखे जलाकर प्रदूषण फैलाते हैं।
हाईकोर्ट ने पटाखों के लिए लाइसेंस दिए जाने के मामले में भी नए सिरे से नियम जारी करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि पिछले वर्ष जितने लोगों को पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं इस वर्ष उनके मुकाबले केवल 20 प्रतिशत विक्रेताओं को ही लाईसेंस जारी किए जाएंगे। पटाखा बिक्री लाइसेंस जारी किए जाने की समूची प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाई जाएगी।
हाईकोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर आज का फैसला आने से पहले किसी भी जिला अथवा संबंधित क्षेत्र में पटाखा बिक्री के लिए अस्थाई लाइसेंस जारी किए गए हैं उन्हें निरस्त माना जाएगा, और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शुरू की जाने वाली आबंटन प्रक्रिया के माध्यम से ही उन्हें नए स्थान अलाट किए जाएंगे। हाईकोर्ट ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश जारी किए हैं कि अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में खुद पटाखा बिक्री के लिए स्थान निर्धारित करेंगे।
नहीं मिलेगा स्थाई बिक्री का लाईसेंस
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पटाखों की बिक्री को लेकर कदर सख्त हो गया है कि अब स्थाई पटाखा बिक्री के लाईसेंस नहीं जारी किए जाएंगे। हाईकोर्ट ने कहा है कि पूर्व समय के दौरान पटाखा बिक्री के लिए जो नियमित लाईसेंस जारी किए गए हैं उनका रिव्यू होगा और भविष्य में किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को पटाखा बिक्री के स्थाई लाइसेंस जारी करने के लिए हाईकोर्ट की स्वीकृति लेनी होगी।