हरियाणा में लंबे समय से अवैध माइनिंग बड़ा मुद्दा बना हुआ है। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभुगत के साथ हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, पानीपत, महेंद्रगढ़-नारनौल, मेवात आदि जिलों में धड़ल्ले से माइनिंग चल रही है। सरकार ने कुछ समय पहले राजस्व बढऩे की उम्मीद के साथ इंटर स्टेट व माइनिंग जोन में चैक पोस्ट पर ओवरलोड वाहनों की चैङ्क्षकग शुरू की थी लेकिन राजस्व बढऩे की बजाय घटता चला गया। चैक पोस्ट पर कथित सैटिंग के जरिये वाहनों को निकाला जा रहा है।
इस मिलीभुगत को तोडऩे के लिए हरियाणा के परिवहन आयुक्त ने सभी जिलों के एडीसी को निर्देश जारी किए हैं। हरियाणा प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से आरटीए सचिव का कार्यभार वापस लेने के बाद सरकार ने यह जिम्मा सभी जिलों में एडीसी को सौंपा हुआ है। परिहवन आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि रोजाना वाहनों की चैङ्क्षकग की रिपोर्ट एडीसी के हस्ताक्षर के बाद ही मुख्य सचिव को भेजी जाएगी। यही नहीं, सभी चैङ्क्षकग पोस्ट के लिए तय किए गए टारगेट के साथ उन्हें एक फोर्मेट भी भेजा गया है, जिसमें रोजाना की जानकारी भेजनी होगी। इस फार्म पर चालान करने वाले अधिकारी के हस्ताक्षर और अदा किए गए टैक्स का उल्लेख भी करना अनिवार्य होगा।
जांच में यह दर्ज करना होगा ब्यौरा
चैक पोस्ट पर जांच से गुजरने वाले वाहनों का पंजीकरण नंबर
वाहन के चालक का नाम
वाहन में भरे गए सामान का ब्यौरा
वाहन के चलने के स्थान और माल की डिलीवरी वाली जगह
वाहन में लादे गए सामान का वजन अथवा ओवरलोडिंग का ब्यौरा
रोजाना करनी होगी 96 वाहनों की जांच
माइङ्क्षनग जोन और इंटर-स्टेट चैङ्क्षकग पोस्ट पर चल रही तथाकथित ‘सैङ्क्षटग’ को तोडऩे के लिए अब सरकार ने जिलों में अधिकारियों के टारगेट तय कर दिए हैं। एक चैक पोस्ट पर रोजाना कम से कम 96 वाहनों की चैङ्क्षकग अनिवार्य रूप से करनी होगी। इसकी रोजाना रिपोर्ट भी मुख्य सचिव को करनी होगी।