आज यहां जारी एक बयान में रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार की गलत नीतियों से पहले ही नित रोज बढ़ रही महंगाई की मार झेल रही प्रदेश की जनता पर अब खट्टर सरकार ने 65 तरह की डीड के स्टांप रेट बढ़ाकर आम जनता की एक प्रकार से कमर तोडऩे का प्रयास किया है। भाजपा सरकार अपने निकम्मेपन व नकारापन के लिए तो पहले से ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर रही है और आम जनजीवन में दैनिक इस्तेमाल होने वाली 65 प्रकार की फीस बढ़ाकर अपने जनविरोधी होने पर मुहर भी लगा दी।
सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार ने पार्टनरशिप डीड की फीस को 267 गुणा बढ़ाते हुए 3.75 रुपए से बढ़ाकर एक हजार रुपए कर दिया और इकरारनामे में स्टांप शुल्क को 2.25 रुपए से बढ़ाकर दो हजार कर दिया गया है, जो 889 गुणा ज्यादा है। इसी प्रकार मुख्तारनामे के लिए लगने वाली स्टांप शुल्क में 333 प्रतिशत वृद्धि करते हुए अब 300 रुपए की जगह 1000 रुपए देने होंगे। पावर ऑफ अटॉर्नी के लिए अब 37.50 पैसे के बजाय 100 रुपए का स्टांप पेपर लगेगा।
सुरजेवाला ने कहा कि विभिन्न एग्रीमेंटो के लिए पहले केवल 15 रुपए का स्टांप पेपर लगता था जिसे खट्टर सरकार ने बढ़ाकर अब 100 रुपए कर दिया है। इसके अलावा कांट्रैक्ट के लिए दी जाने वाली अनुबंध फीस भी 15 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए कर दी गई है। पार्वती जारी के लिए लगने वाली 25 पैसे की फीस को 10 रुपए कर दिया गया है। इस प्रकार अलग-अलग एग्रीमेंट व अन्य कार्यों के स्टांप शुल्क में 1997.75 रु तक की बढ़ोतरी की गई है, जिससे आम जनता पर बोझ बढ़ेगा।
सुरजेवाला ने कहा कि सरकार के यह फैसले बताते हैं कि यह सरकार किस तरह से आम आदमी की जेब हल्की करने का निरंतर प्रयास कर रही है। एक तो पहले से ही प्रदेश की जनता महंगाई की मार झेल रही है, ऊपर से अब जनता को विभिन्न कार्यालयों में होने वाली डीड के लिए भी भारी भरकम फीस चुकानी होगी।
आज कच्चे तेल के सस्ते दामों के बावजूद पेट्रोल व डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन खट्टर सरकार उस बढ़ोतरी को वापस लेने के बजाय जनता पर और भी भारी बोझ लादती जा रही है।