हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान शिरोमणि अकाली दल ने हरियाणा में लोकसभा चुनाव लडऩे का ऐलान किया था। जिसके चलते पार्टी ने अंबाला, सिरसा, कुरूक्षेत्र आदि जिलों में रैलियों का आयोजन करके कार्यकर्ताओं को एकजुट किया था। अकाली दल ने अंबाला व सिरसा लोकसभा क्षेत्रों से अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी भी कर ली थी। ऐन मौके पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ( Amit Shah ) ने अकाली दल सुप्रीमों प्रकाश सिंह बादल से मुलाकात करके उन्हें इस बात के लिए राजी कर लिया था कि लोकसभा में अकाली दल भाजपा की राह में रोड़ा बनने की बजाए भाजपा प्रत्याशियों का समर्थन करे और विधानसभा में भाजपा द्वारा उन्हें उचित मान-सम्मान दिया जाएगा। अब इसी मान-सम्मान का समय आ गया है। जिसके चलते बीती रात अकाली नेताओं की चंडीगढ़ में हुई बैठक में यह फैसला किया गया है कि हरियाणा विधानसभा में अकाली दल द्वारा भी अपने प्रत्याशी खड़े किए जाएंगे।
अकाली दल नेताओं ने भाजपा हाईकमान से मुलाकात के लिए समय मांग लिया है। सूत्रों की मानें तो अकाली दल का दावा है कि हरियाणा से 15 से 20 सिख बाहुल सीटों पर उनकी पकड़ मजबूत है। जबकि भाजपा उन्हें ठीक उसी तरह से हिस्सा देना चाहती है जैसे अकाली दल द्वारा पंजाब में भाजपा को हाशिए पर रखा जा रहा है। इस खींचतान के बीच अब हरियाणा में अकाली दल द्वारा विधानसभा चुनाव ( Haryana Assembly Election 2019 ) लडऩे का मुद्दा हाईकमान के पास पहुंच गया है। संभवत आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर अकाली दल व भाजपा की संयुक्त बैठक होगी। जिसमें विधानसभा चुनाव के दौरान अकाली दल को सीटें दिए जाने पर फैसला लिया जाएगा।
लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के आश्वासन के बाद अकाली दल मैदान से हट गया था। अकाली दल ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की पूरी मदद की है। जिसके बल पर दस सीटों पर जीत हासिल हुई है। अब अकाली दल द्वारा अमित शाह को प्रस्ताव दिया गया है कि हरियाणा भाजपा व अकाली दल की संयुक्त बैठक हाईकमान की मौजूदगी में करवाई जाए। जिसमें सीटों के आबंटन पर फैसला हो सके। अकाली दल हरियाणा में विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए तैयार है। बलविंदर सिंह भूंदड़, सांसद एवं हरियाणा प्रभारी-शिरोमणि अकाली दल