हम दोनों का मानना है कि भारत माता को फिर से महान बनाने के लिए केवल दो सबक सीखने की जरूरत है। राजनेताओं को अधिक बार ‘ना’ कहने और नौकरशाहों को ‘हां’ कहने की आदत डालनी होगी। अब मैं इन सबको अपने गृह राज्य में लागू करवाने की स्थिति में था। खट्टर ने कहा कि जब उनकी सरकार सत्ता में आई तो यहां भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही थी। 30 दिन में सीएलयू की सुविधा प्रदान करने के फैसले की प्रशंसा करते हुए खट्टर ने कहा कि पूर्व की भ्रष्ट व्यवस्था उन राजनीतिज्ञों की देन थी, जिन्होंने भ्रष्ट तरीके से ‘‘न’’ कहने की शक्तियां हासिल कर ली थी, चाहे एक कर्तव्यनिष्ठ ईमानदार नौकरशाह ‘‘हां’’ कह भी रहा हो।
भ्रष्ट भर्तियों से हुआ पुलिस का राजनीतिकरण
मुख्यमंत्री ने आज सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर उन सभी सवालों के जवाब दिए जो पिछले तीन वर्ष के माध्यम से विपक्ष द्वारा उठाए जाते रहे हैं। जाट आरक्षण आंदोलन में अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका की जांच करने वाली प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट पर बोलते हुए मनोहरलाल ने कहा कि आरक्षण हिंसा पर प्रकाश सिंह समिति की रिपोर्ट में पुलिस बल के राजनीतिकरण का जिक्र किया गया है। यह मुख्य रूप से भ्रष्ट भर्ती प्रणाली की वजह से हुआ। मुझे गर्व है कि हमने इस प्रणाली को खत्म कर दिया है।
राम पाल प्रकरण, जाट आंदोलन व डेरा विवाद पूर्व सरकारों की देन
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपनी सरकार के कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर दावा किया है कि प्रदेश में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान उनकी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया गया था लेकिन दो दिन के भीतर ही उन्हें इस विवाद का पता लग गया और उन्होंने पूरे योजना को असफल बना दिया।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने किसी भी विपक्षी दल के नेता का नाम लिए बगैर कहा कि देश में पहली बार ऐसा हुआ था जब मांगे स्वीकार किए जाने के बाद भी आंदोलन शुरू हो गया था। खट्टर ने जाट आरक्षण आंदोलन को पूर्व हुड्डा सरकार की देन करार देते हुए कहा कि पूर्व सरकार ने बगैर किसी ठोस रणनीति के जाटों को आरक्षण प्रदान करके प्रदेश में नए राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया था।