यह जिले होंगे लाभान्वित
सूत्रों के अनुसार प्रदेश में इस समय फिलहाल 20 हजार से अधिक कैंसर रोगी हैं जिन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली सहित दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता है। सरकारी स्तर पर झज्जर के बाढ़सा में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की परियोजना जल्द सिरे चढऩे वाली है। 32 एकड़ पर 2035 करोड़ में बनने वाले इस संस्थान से झज्जर, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी सहित पूरे दक्षिणी हरियाणा को फायदा होगा।
इसी तरह अंबाला छावनी में 23 जुलाई को 50 बैड के कैंसर टर्सरी सेंटर का भूमि पूजन होने जा रहा है। इस कैंसर अस्पताल के बनने से यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत सहित उत्तर हरियाणा के लोगों को फायदा होगा। उत्तर और दक्षिण हरियाणा में कैंसर अस्पताल के प्रोजेक्ट बनने के बाद हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, जींद और साथ लगते क्षेत्रों के कैंसर मरीजों के लिए इस जोन में कैंसर इंस्टीट्यूट की जरूरत महसूस की जा रही थी। कैथल के राजौंद से लेकर सिरसा तक कैंसर का जबरदस्त प्रकोप है जबकि इसके इलाज की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। यही वजह है कि मुंबई में देश का सबसे प्रतिष्ठित कैंसर अस्पताल चला रहे उद्योगपति रतन टाटा ने पिछली दीपावली पर जैसे ही हरियाणा में कैंसर अस्पताल खोलने की इच्छा जताई, तो प्रदेश सरकार ने तुरंत हिसार के अग्रोहा मेडिकल कॉलेज का नाम आगे बढ़ा दिया।
कैंसर अस्पताल के लिए अग्रोहा मेडिकल कॉलेज सर्वाधिक अनुकूल है। अग्रवाल समाज की मदद से चल रहे इस अस्पताल में हृदय रोगियों के लिए कैथ लैब खोलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चूंकि इस अस्पताल में गरीबों का निशुल्क इलाज होता है, इसलिए यहां हर दिन करीब दो हजार मरीजों की ओपीडी होती है। कैंसर अस्पताल की योजना परवान चढ़ी तो साथ लगते जिलों के लोगों को भी काफी फायदा होगा।