हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी ने चक्काजाम हडताल चार दिन और बढाने का फैसला राज्य सरकार के सख्त कदमों के बीच किया है। राज्य सरकार ने रोडवज कर्मचारी नेताओं की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी रखा है और अस्थायी कर्मचारियों को हडताल में शामिल होने पर बर्खास्त किया गया है। सरकार ने ऐवजी व्यवस्था के तहत 3500 बसों के संचालन का दावा किया है। इनमें हरियाणा रोडवेज की बसें,सहकारी संस्थाओं की बसें और निजी बसें शामिल है।
इस बीच रोजाना वेतन पर रखे गए बस चालकों के हाथों में बसें सौंपना बडी जोखिम साबित हो रहा है। रविवार को एक वाॅल्वो बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना में चालक की मृृत्यु हो गई और एक यात्री और परिचालक घायल हो गए। ऐवजी व्यवस्था के तहत बसों के संचालन से होने वाली आय का कोई लेखा-जोखा न रखे जाने को लेकर रोडवेज कर्मचारी नेता आलोचना कर रहे है। रोडवेज के चंडीगढ डिपो के कर्मचारी नेता राजबीर सिंह दलाल का कहना है कि जहां चंडीगढ डिपो पर रोजाना 15 लाख रूपए का संग्रह पहुंचता था वहीं इन दिनों दो लाख रूपए ही पहुंच रहे हैं। ऐवजी व्यवस्था के तहत होने वाले इस नुकसान और बस दुर्घटनाओं के लिए राज्य सरकार ही जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि हडताल तब तक जारी रहेगी जब तक कि 720 निजी बसें किराए पर लेने का फैसला वापस नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा कि रोडवेज हडताल के समर्थन में प्रदेश के तीन लाख कर्मचारी 30 और 31 अक्टूबर को हडताल पर रहेंगे।
उधर नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर के उस बयान की कड़ी निंदा की है जिसमें उन्होंने कहा है कि निजीकरण से सडक परिवहन सुविधाएं यात्रियों के लिए अधिक लाभप्रद होंगी। उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि राज्य के मुख्यमंत्री ने हरियाणा रोडवेज की व्यवस्था को सुधारने के प्रयास करने की बजाए उसके स्थान पर निजीकरण के विकल्प को उचित ठहराया है।