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सफाई कर्मियों की हड़ताल पर सरकार का पलटवार, हरियाणा की पालिकाओं में बंद होगी ठेकेदारी प्रथा

locationहिसारPublished: May 17, 2018 10:17:28 pm

सरकार ने बैकफुट पर आते हुए प्रदेश की नगर पालिकाओं में ठेकेदारी प्रथा बंद करने का फैसला किया है।

सफाई कर्मियों की हड़ताल

चंडीगढ़। एक तरफ हरियाणा में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं तो दूसरी तरफ प्रदेश सरकार ने बैकफुट पर आते हुए प्रदेश की नगर पालिकाओं में ठेकेदारी प्रथा बंद करने का फैसला किया है। अब सफाई कर्मचारियों की भर्ती स्वीकृत पदों पर नगरपालिकाओं के रोल पर की जाएगी।


हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई मंत्री समूह की बैठक में यह फैसला लिया गया। प्रदेश के अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सफाई कर्मचारियों की यूनियनों से बातचीत की गई थी। बैठक में ही कर्मचारियों की मांग के अनुरूप उनके हित में मुख्यमंत्री ने बड़ा फैसला लिया और ठेका प्रथा को समाप्त करने की घोषणा कर दी।


अब सफाई कर्मचारियों की भर्ती स्वीकृत पदों पर नगरपालिकाओं के रोल पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी नगरपालिका, नगर परिषद और नगर निगम में स्वीकृत पदों की संख्या कम है, तो वह पदों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार के पास फाइल भेजे देंगे तो उन पर विचार किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि कर्मचारियों द्वारा समान काम-समान वेतन की मांग पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है जो 10 दिनों में सभी परिस्थितियों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। रिपोर्ट आते ही समान काम-समान वेतन को भी लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठक में कर्मचारियों की मासिक भत्ता बढ़ाने की मांग को भी स्वीकार कर लिया गया है।


पहले सफाई कर्मचारियों को 350 रुपये मासिक भत्ता मिलता था, मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के हित को देखते हुए इसमें 650 रुपये की बढोत्तरी की है। इस प्रकार अब सफाई कर्मचारियों को 1 हजार रुपये मासिक भत्ता मिलेगा।


उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की अन्य सभी मांगों पर भी सहमति बन गई है। इसलिए सफाई कर्मचारियों से अपील है कि वह किसी राजनीति का शिकार न हों और हड़ताल खत्म कर काम पर वापस लौट जाएं। उन्होंने कहा कि कई ठेकेदारों द्वारा कर्मचारियों का पीएफ और ईएसआई जमा नहीं करवाया गया है।


इसके लिए चौकसी विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और पीएफ तथा ईएसआई का पैसा कर्मचारियों को दिलवाया जाए। उन्होंने कहा कि फायर स्टाफ के मामलों में वर्तमान आउटसोर्स श्रेणी के तहत 1366 चालक व फायरमैन हैं। नये सेवा नियमों के अनुसार फायर ऑप्रेटर्स पद के लिए 10+2 की परीक्षा उर्तीण, भारी वाहन चलाने का लाईसैंस और फायर फाइटिंग का बेसिक कोर्स जैसी तीन योग्यताएं होती हैं।


उन्होंने बताया कि 1355 में से 559 व्यक्तियों के पास ये सभी तीनों योग्यताएं हैं और वे हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा फायर ऑपेरटर्स के विज्ञापित 1644 पदों के लिए आवदेन करने के योग्य हैं। तदानुसार निर्णय लिया गया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से संशोधन करके पदों को पुन: विज्ञापित किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा ठेकेदार प्रथा के तहत कार्य कर रहे ऐसे कर्मचारियों को योग्यता पूर्ण करने के लिए उनके हित में निर्णय लिया गया है कि उन कर्मचारियों को भारी वाहन चलाने का लाईसैंस तथा फायर फाईटिंग का बेसिक कोर्स उतीर्ण करने के लिए सरकार व्यवस्था करवाएगी। परंतु 10+2 की परीक्षा उतीर्ण करने की व्यवस्था स्वयं करेंगे। इसके अतिरिक्त, अनुभव के लिए सेवा के पूरे किये गए प्रत्येक वर्ष के लिए एक अंक दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पहली बार सफाई कर्मचारियों के शैक्षिणक, रहन-सहन इत्यादि विषयों पर चिंतन-मंथन करने के लिए 7 सदस्यीय हरियाणा सफाई कर्मचारी आयोग बनाया है।

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