हरियाणा में लंबे समय से पुलिस कर्मचारियों की कमी चल रही है। हालांकि प्रदेश सरकार ने पुलिस कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया पिछले दो साल से चला रखी है, लेकिन प्रदेश में लगातार हो रही अपराधिक घटनाएं और लगातार बढ़ रही जनसंख्या के चलते पुलिस कर्मियों की कमी प्रदेश सरकार के लिए मुसीबत बनी हुई है। राज्य की आबादी के लिहाज से करीब 25 हजार पुलिस कर्मियों की जरूरत है। सरकार ने करीब सात हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर रखी है।
आइआरबी की मंजूरी केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है। इसका खर्च भी केंद्र सरकार ही वहन करती है। बटालियन के गठन के लिए यह शर्त रहती है कि केंद्र सरकार जहां चाहे इस बटालियन का उपयोग कर सकती है। इस बल का गठन राज्यों में सीआरपीएफ या अन्य केंद्रीय बलों पर से निर्भरता खत्म करने के लिए किया जाता है। हरियाणा सरकार पहले ही महिला बटालियन की मांग केंद्र से कर चुकी है।
भारत सरकार ने 1971 में भारतीय रिजर्व बटालियन योजना की शुरुआत की थी। अब तक विभिन्न राज्यों में 153 आइआर बटालियनों के गठन की मंजूरी हो चुकी है। इनमें से 144 बटालियनें गठित की जा चुकी हैं। हरियाणा में फिलहाल पुलिस बल की भारी कमी है। राज्य सरकार लगातार पुलिस में नई भर्तियां कर रही हैं। इसके बावजूद भी पुलिस बल की कमी पूरी नहीं हो रही है।
पहले प्रस्ताव में किया रद्दोबदल: प्रदेश में नई भर्ती भी होती रहेगी और साथ-साथ पुलिस जवानों की कमी को दूर करने के लिए आइआरबी के जवानों को पुलिस थानों में तैनात किया जाएगा। पहले प्रस्ताव आया कि जिन जवानों की उम्र 40 साल तक है, उन्हें ही थानों में तैनात किया जाए, लेकिन इसे उपयुक्त नहीं माना गया।
आखिर में सरकार ने निर्णय लिया कि 15 साल तक की सेवाएं पूरी कर चुके आईआरबी जवानों को थानों में तैनात किया जाएगा। उन्हें उनके रैंक या पद के हिसाब से थानों में पोस्टिंग मिलेगी और यह जवान पुलिस के विभिन्न कामों में उनका हाथ बटाएंगे।