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हरियाणा में जाटों को अभी आरक्षण नहीं मिलेगा

locationहिसारPublished: Jan 04, 2018 11:23:39 pm

हरियाणा में जाटों को आरक्षण प्रदान किए जाने का मामला फिर से ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है

Jat reservation

चंडीगढ़। हरियाणा में जाटों को आरक्षण प्रदान किए जाने का मामला फिर से ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है। एक तरफ जहां ओबीसी आयोग द्वारा रिपोर्ट दाखिल किए जाने की समय सीमा निकट आ रही है वहीं हरियाणा सरकार द्वारा जाटों समेत छह जातियों को आरक्षण प्रदान करने से पहले आयोग की सौंपी गई रिपोर्ट विवादों में घिर गई है। जिसके चलते ओबीसी आयोग अब नए सिरे से हरियाणा में सभी जातियों का सर्वे करवाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए एक प्रस्ताव हरियाणा सरकार को भेज दिया गया है।


हरियाणा में जाटों के अलावा जट्ट सिख, मुल्ला जाट, त्यागी, रोड़, बिश्नोई समेत छह जातियों को ओबीसी कोटे में आरक्षण प्रदान करने का विवाद लंबे समय से चल रहा है। यह मामला जहां पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन है वहीं जाट समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर कई बार जहां बड़े-बड़े आंदोलन कर चुके हैं। इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने ओबीसी आयोग को हरियाणा सरकार के माध्यम से वर्तमान आरक्षण नीति तथा इससे लाभान्वित हो रहे वर्ग के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट अदालत को सौंपने के लिए कहा था।


जिसके चलते हरियाणा सरकार ने हालही में ओबीसी आयोग को वर्तमान आरक्षण चार्ट के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट दी। इस रिपोर्ट के बाद जाट समुदाय के लोग फिर से गुस्से में हैं। जाट संगठनों ने इस मामले में जहां अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है वहीं ओबीसी आयोग भी इस रिपोर्ट को लेकर एकमत नहीं है। जिसके चलते ओबीसी आयोग ने फिर से हरियाणा में नए सिरे से सर्वे करवाने का फैसला किया है।


आयोग ने चार पन्नों पर आधारित एक नया फार्म तैयार करके हरियाणा सरकार को भेजा है। प्रदेश सरकार को इस फार्म को स्वीकार करके अथवा संशोधित करके हरियाणा में नए सिरे से फिजीकल सर्वे के संबंध में निर्णय करना है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार निकट भविष्य में हरियाणा के सभी गावों, कस्बों अथवा शहरों में शिक्षकों अथवा पटवारियों आदि के माध्यम से यह सर्वे करवाएगी। इसके बाद ही सरकार एवं आयोग द्वारा जाटों व अन्य छह जातियों को आरक्षण प्रदान किए जाने के संबंध में कार्रवाई की जाएगी।

हरियाणा सरकार की रिपोर्ट में कई खामियां:मलिक
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समीति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा जारी सरकारी नौकरियों से जुड़े जातीय आंकड़े पूरी तरह से भ्रामक हैं। जिसका विरोध करते हुए समीति ने हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग को ज्ञापन दिया है। इसमें कई जातियों को अलग-अलग तथा कई जातियों को आपस में जोडक़र रिपोर्ट तैयार की गई। जिसमें वास्तविकता का भारी अभाव है।

जाट समुदाय मूल रूप से पिछड़ा किसान है जो गांव में रहता है। वह आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है और उसकी हालत गुर्जर, कुर्मी, अहीर, लोधा आदि उन जातियों के समान है जिन्हें ओबीसी का स्टेटस मिला हुआ है लेकिन, जाट समुदाय को इससे वंचित कर दिया गया है। ऐसा राजनीतिक कारणों से हुआ है जो जाट समुदाय के साथ अन्याय है। हमने अपना पक्ष आयोग के सामने रख दिया है और अब गेंद आयोग के पाले में है। जाट समुदाय के लोग 18 फरवरी देशभर के जाट बाहुल जिलों में बलिदान दिवस का आयोजन करने की तैयारी में जुट गए हैं।

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