हिसारPublished: Nov 02, 2019 06:19:41 pm
Chandra Prakash sain
Haryana: रिश्वत मामला, एफआईआर की सिफारिश
उच्चतर शिक्षा विभाग के अधीक्षक को समय से पहले किया सेवानिवृत
चंडीगढ़. हरियाणा के पांच सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में बिना अनुमति दाखिला देने और रिश्वत लेने के मामले में उच्चतर शिक्षा विभाग पंचकूला में कार्यरत अधीक्षक को निर्धारित समय से पहले सेवानिवृत कर दिया गया है। उच्चतर शिक्षा विभाग पंचकूला के अधीक्षक राजीव मोंगा ने लिंक आफिसर की बिना अनुमति से प्रदेश के कई प्राइवेट कॉलेजों को दाखिला करने की अनुमति दी, जिसकी एेवज में लाखों रुपए की रिश्वत भी ली गई। विभागीय जांच में रिश्वत का खुलासा होते ही तत्कालीन महानिदेशक (लिंक आफिसर) का कार्यभार देख रहे डॉ. राकेश गुप्ता ने विभाग के उप निदेशक एवं अधीक्षक की संलिप्तता की भूमिका होने पर एफआईआर के आदेश जारी किए गए थे। अहम पहलू यह भी है कि संबंधित अधीक्षक के खिलाफ विभागीय जांच सेवानिवृति के बाद भी जारी रहेगी।
ऐसे हुआ खुलासा
उच्चतर शिक्षा विभाग के पास प्रदेश भर में चल रहे सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों को गारंटी के तौर पर फीस जमा करवानी होती है। मगर आडिट जांच में खुलासा हुआ है कि 16 सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की बैंक गारंटी ही नहीं है। विभाग ने इन सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की, परंतु जून माह में ही नए शिक्षा सत्र का दाखिला शुरू हो गया। लिहाजा विभाग की ओर से वेब पोर्टल पर इन कॉलेजों का लिंक बंद कर दिया गया, ताकि फीस जमा करवाने तक ये कॉलेज कोई दाखिला न कर सकें। इस दौरान उच्चतर शिक्षा विभाग का डॉ. राकेश गुप्ता को नया महानिदेशक लगाया गया। लिहाजा महानिदेशक की अनुमति के बिना ही कॉलेज-2 ब्रांच के उप निदेशक एवं अधीक्षक ने पांच सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों का दाखिला के लिए वेब पोर्ट खोल दिया। जब महानिदेशक को इसकी भनक लगी तो उन्होंने तुरंत विभागीय जांच के आदेश दिए। विभागीय जांच के बाद अधीक्षक राजीव मोंगा को समय से पहले सेवानिवृत कर दिया
गया। हालांकि जब इस बारे में तत्कालीन उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक डॉ. राकेश गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।