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नई ब्रिटिश फिल्म ‘आर्काइव’ भी ओटीटी पर, बीवी की भावनाएं रोबोट में

locationमुंबईPublished: Jul 16, 2020 11:59:44 pm

‘आर्काइव’ ( Archive Movie ) के वैज्ञानिक नायक जॉर्ज (थियो जेम्स) की पत्नी जूल्स (स्टेसी मार्टिन) की कार हादसे में मौत हो चुकी है। वह दो रोबोट बनाकर काफी नाम कमा चुका है और तीसरे रोबोट की तैयारियों में जुटा है। इस रोबोट को वह अपनी पत्नी की भावनाओं से लैस करने में कामयाब हो जाता है। इसके बाद जो कुछ होता है, वह उसकी कल्पना से परे था।

नई ब्रिटिश फिल्म 'आर्काइव' भी ओटीटी पर, बीवी की भावनाएं रोबोट में

नई ब्रिटिश फिल्म ‘आर्काइव’ भी ओटीटी पर, बीवी की भावनाएं रोबोट में

-दिनेश ठाकुर
कुदरत की अपनी लय होती है। यही लय धरती पर फूल खिलाती है और जिंदगी को गुनगुनाहट देती है। इसी लय ने धीरे-धीरे भीमकाय डायनासोरों को धरती से विलुप्त कर दिया, ताकि इंसान और दूसरे जीव-जंतु सुरक्षित रह सकें। कुदरत की लय को तोडऩा कितना खतरनाक हो सकता है, यह स्टीवन स्पीलबर्ग की विज्ञान फंतासी ‘जुरासिक पार्क’ में दिखाया जा चुका है। इस फिल्म में वैज्ञानिक डायनासोरों को फिर पैदा करने में कामयाब हो जाते हैं, लेकिन रेंगने वाले इन भीमकाय जीवों की धमाचौकड़ी इंसानों के लिए आफत बन जाती है। इसी तरह तकनीक और कृत्रिम बौद्धिकता का जरूरत से ज्यादा विकास भी कुदरत के साथ-साथ जिंदगी की सहज लय के लिए खतरनाक है। हॉलीवुड की ‘वॉल-ई’, ‘रोबोट्स’, ‘बिग हीरो 6’ और ‘रोबोकॉप’ जैसी कई रोबोट-फिल्में इन खतरों की तरफ संकेत कर चुकी हैं। ब्रिटिश फिल्मकार गेविन रॉथरी की ‘आर्काइव’ इसी कड़ी की ताजा विज्ञान फंतासी फिल्म है, जिसका हाल ही डिजिटल प्रीमियर हुआ है। फिल्म दो तरह के खतरों के प्रति आगाह करती है। पहला यह कि जिंदगी हद से ज्यादा कम्प्यूटर पर निर्भर नहीं होनी चाहिए और दूसरा यह कि रोबोट में भावनाएं डालने की कोशिश बहुत भारी पड़ सकती है।
‘आर्काइव’ के वैज्ञानिक नायक जॉर्ज (थियो जेम्स) की पत्नी जूल्स (स्टेसी मार्टिन) की कार हादसे में मौत हो चुकी है। वह दो रोबोट बनाकर काफी नाम कमा चुका है और तीसरे रोबोट की तैयारियों में जुटा है। इस रोबोट को वह अपनी पत्नी की भावनाओं से लैस करने में कामयाब हो जाता है। इसके बाद जो कुछ होता है, वह उसकी कल्पना से परे था। यह किस्सा दस साल पहले आई रजनीकांत की तमिल फिल्म ‘इंथिरन’ (रोबोट) से थोड़ा-बहुत मिलता-जुलता है। रजनीकांत हैं तो कुछ भी मुमकिन है। ‘इंथिरन’ में वे वैज्ञानिक के किरदार में थे, जो चिट्टी (फिर रजनीकांत) नाम के रोबोट में भावनाएं डाल देते हैं और चिट्टी महाशय का दिल उनकी प्रेमिका (ऐश्वर्या रॉय) पर डोलने लगता है।
मामूली समानता से हटकर ‘इंथिरन’ के मुकाबले ‘आर्काइव’ कहीं ज्यादा तार्किक और चुस्त-दुरुस्त फिल्म है। तेजी से घूमती घटनाएं जब चौंकाने वाले क्लाइमैक्स पर पहुंचती हैं तो शिद्दत से महसूस होता है कि कम्प्यूटर की तरह इंसान के शरीर पर ‘डिलिट’, ‘एस्केप’ और ‘कंट्रोल जेड’ के बटन होते तो जिंदगी फिर जिंदगी नहीं, बेजान मशीन हो जाती।

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