ग्रेजुएशन की पढ़ाई छोडी़-
सिलवेस्टर अपने एक्टर बनने के जूनून को लेकर इतना पागल थे कि वह अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई छोड़कर न्यूयॉर्क चले गए। काफी संघर्ष के बाद साल 1974 में “The Lord of Flatbush” में उन्हें एक ब्रेक भी मिला पर उन्हें इससे कुछ खास फायदा नहीं हो पाया था। सिलवेस्टर लगातार ऑडिशन देते रहे पर हर बार उन्हें नकार दिया गया और ठीक इसी तरह उनकी लिखी स्क्रिप्ट के साथ भी होता रहा। इसके बाद उनकी हालत कुछ ऐसी हो गयी की उनके पास अपने परिवार को खिलाने -पिलाने तक के पैसे नहीं थे यहां तक कि उन्हें अपनी पत्नी के गहने भी बेचने पड़े थे।
ऐसे तैयार की रॉकी की कहानी-
एक दिन वह मैच देखने गए थे और वह उस मैच से बहुत प्रेरित हुए। इसी के आधार पर उन्होंने एक कहानी लिखने के लिए सोचा और वो लगातार 24 घंटे तक कहानी लिखते ही रहे। और फिल्म रॉकी की स्क्रिप्ट तैयार कर ली इस कहनी से वह बेहद खुश थे। साथ ही उन्हें पक्का यकीन भी था की हर कोई उनकी इस स्क्रिप्ट को आसानी से पसंद कर लेगा। हालांकि वह इस कहानी को लेकर बहुत से फिल्म निर्माता के पास गए और महीनों तक कोशिश करते रहे लेकिन उनकी इस कहानी पर कोई भी काम करने को तैयार नहीं था।
रॉकी पर मिला एक लाख डॉलर का ऑफर-
गौरतलब है कि वह फिल्म रॉकी की कहानी को लेकर काफी समय तक घूमते रहे और अंत में एक निर्माता को ये कहानी काफी पसंद आई और उस प्रोड्यूसर ने उन्हें एक लाख डॉलर का ऑफर दिया। अपनी खराब स्थिती में भी सिलवेस्टर ने शर्त रखी की वो स्क्रिप्ट तभी देंगे जब फिल्म में रॉकी का किरदार खुद ही निभाएंगे। लेकिन निर्माता इसके लिए तैयार नहीं हुआ और उसने यह कहकर मना कर दिया कि सिलवेस्टर एक लेखक हैं एक्टर नहीं इसलिए उन्हें ये रोल नहीं मिल सकता है। हालांकि बाद में निर्माता मान गया और उन्होंने रॉकी में मुख्य किरदार निभाया।
बैस्ट पिक्चर अकेडमी का अवॉर्ड मिला-
फिल्म रॉकी बनी और रिलीज हुई और सिनेमाघरों में काफी धमाल भी मचाया। बता दें कि इस मूवी को साल 1976 में बैस्ट पिक्चर का अकेडमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके बाद सिलवेस्टर ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। फिल्म रॉकी और रैम्बो सीरिज के साथ-साथ उन्होंने बहुत सी हिट फिल्में दी।