ब्लड शुगर बढ़ने पर प्यास लगना, बार-बार यूरिन आना, फोउ़े-फुंसी का जल्दी सही न होना, फंगल इंफेक्शन का बढ़ना, तेज भूख, मुंह सूखना आदि कई समस्याएं होती हैं। डायबिटीज में मरीज का अग्नाशय इंसुलिन हार्मोन को बनाना बंद कर देता है या बहुत कम बनाता है। इंसुलिन खून में शुगर को कंट्रोल करने वाला हार्मोन है। जाहिर है जब इसका लेवल बढ़ता है, तो कई गंभीर बीमारियों का भी जोखिम बढ़ता है।
शहतूत के पोषक तत्त्व
शहतूत सफेद और लाल दोनों तरह का होता है, लेकिन शुगर में सफेद शहतूत ज्यादा फायदेमंद होता है। सफेद शहतूत में फाइबर, विटामिन सी और आयरन सहित कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम और विटामिन ए जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं।
शहतूत सफेद और लाल दोनों तरह का होता है, लेकिन शुगर में सफेद शहतूत ज्यादा फायदेमंद होता है। सफेद शहतूत में फाइबर, विटामिन सी और आयरन सहित कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम और विटामिन ए जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं।
ब्लड शुगर कंट्रोल करने में सहायक
सफेद शहतूत बल्ड शुगर को कंट्रोल करता है क्योंकि ये इंसुलीन को रेग्युलेट करने में मददगार होता है। कैंसर कोशिका वृद्धि को रोकने के साथ ही ये कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है।
सफेद शहतूत बल्ड शुगर को कंट्रोल करता है क्योंकि ये इंसुलीन को रेग्युलेट करने में मददगार होता है। कैंसर कोशिका वृद्धि को रोकने के साथ ही ये कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है।
डायबिटीज कैसे कंट्रोल करता है शहतूत
टाइप 2 डायबिटीज में यदि 1,000 मिलीग्राम शहतूत के पत्ते के अर्क का 3 महीने तक रोजाना 3 बार सेवन किया जाए तो ब्लड शुगर तेजी से कम होता है। ऐसा एक शोध में बताया गया है। वहीं ये हीमोग्लोबिन A1C के लेवल में भी सुधार किया, जो कि ब्लड शुगर बढ़ने का बड़ा कारण है। इसकी पत्तियों का रस अग्न्याशय में बीटा कोशिकाओं के कार्य को बेहतर करने में मदद मिली, जो इंसुलिन उत्पादन के लिए जिम्मेदार हैं।
टाइप 2 डायबिटीज में यदि 1,000 मिलीग्राम शहतूत के पत्ते के अर्क का 3 महीने तक रोजाना 3 बार सेवन किया जाए तो ब्लड शुगर तेजी से कम होता है। ऐसा एक शोध में बताया गया है। वहीं ये हीमोग्लोबिन A1C के लेवल में भी सुधार किया, जो कि ब्लड शुगर बढ़ने का बड़ा कारण है। इसकी पत्तियों का रस अग्न्याशय में बीटा कोशिकाओं के कार्य को बेहतर करने में मदद मिली, जो इंसुलिन उत्पादन के लिए जिम्मेदार हैं।
शहतूत के पत्ते-डंठल या फल कुछ भी खाएं
ब्लड शुगर को मेंटेन करने के लिए आप शहतूर के पत्ते, फल या ठंडल किसी का भी उपयोग कर सकते हैं। वैसे पत्ते का रस या ठंडल का चूर्ण रोज सुबह खाली पेट लेना ज्यादा फायदेमंद होगा।
ब्लड शुगर को मेंटेन करने के लिए आप शहतूर के पत्ते, फल या ठंडल किसी का भी उपयोग कर सकते हैं। वैसे पत्ते का रस या ठंडल का चूर्ण रोज सुबह खाली पेट लेना ज्यादा फायदेमंद होगा।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।