गले में खराश, दर्द और टांसिल की समस्या पर जादुई रूप से गर्म पानी में नमक डालकर गरारा करना असर दिखाता है। इसके लिए हल्दी और नमक को एक गिलास गर्म पानी में डालकर उबाल लें और इस पानी के गुनगुने हो जाने पर जितनी बार हो सके गरारे करें। इस घोल को करीब 5 मिनट तक उबालें। दिन में 3-4 बार तक इस पानी से गरारे करें और आपको जल्द ही गले में खराश और गले की सूजन से मुक्ति मिलेगी।
मुलेठी औषधीय गुणों का भंडार है और जब ये शहद के साथ मिलती है तो ये एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुणों से भर जाती है। इसके इस्तेमाल गले की खराश भी दूर होगी और खांसी आना भी बंद हो जाएगी। इसके लिए 1 चम्मच मुलेठी का चूर्ण लें या फिर घर पर भी मुलेठी को पीसकर उसका चूर्ण बनाकर उसे शहद में मिलकर उसे चाटते रहें।
विटामिन सी भरा आंवले का चूर्ण और शहद भी दवा की तरह ही काम करता है। गले से जुड़ी हर समस्याया जैसे गले में सूजन, दर्द, खराश आदि में आंवला और शहद काम आएगा। है। दिन में दो से तीन बार इसका सेवन करने से आपको राहत मिल सकती है।
मेथी में मौजूद सोडियम, जिंक, फॉस्फोरस, फॉलिक एसिड, आयरन कैल्शियम मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों के अलावा कई जरूरी विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। मेथी का पानी जहां वजन कम करने में मदद करता है तो वहीं मेथी की चाय गले से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने का काम करती है। गले की खराश की समस्या में 1 चम्मच मेथी को 250 मिलीलीटर पानी में 5 मिनट तक उबालना है। जब पानी अच्छी तरह से उबल जाए तो उसे छानकर घूंट-घूंट कर पीना है।
गले में खराश की समस्या को दूर करने में दालचीनी की चाय भी बहुत फायदेमंद है। इस समस्या से राहत पाने के लिए आप 1 गिलास पानी में आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर या दालचीनी की छड़ी डाल लें। अब इस मिश्रण को 5 मिनट तक उबालें। 5 मिनट तक उबालने के बाद इस पानी को छान लें और थोड़ा ठंडा होने के लिए रख दें। जब पानी गुनगुना रह जाए तो थोड़ा शहद और नींबू मिलाएं। घूंट-घूंट कर पीने से आपको धीरे-धीरे आराम मिलना शुरू हो जाएगा।