जब बनवाएं बेसमेंट, ध्यान रखें ये बातें
वास्तु: पॉजिटिविटी के लिए निर्माण के दौरान रखें ध्यान

घर या दुकान बनवाते वक्त आजकल स्पेस निकालने के लिए बेसमेंट बनवाया जाता है। यूं तो
वास्तु के लिहाज से बेसमेंट को अच्छा नहीं माना जाता, फिर भी यदि इसे बनवाया जा रहा
है तो कुछ बातों को ध्यान रखा जाना जरूरी है। जानते हैं इससे जुड़े कुछ
टिप्स-
सेमी बेसमेंट बनवाएं, यानी करीब 6 फीट जमीन के अंदर और 3-4 फीट जमीन के ऊपर। इससे न सिर्फ बेसमेंट में रोशनी और हवा का प्रबंध होगा, बल्कि इसमें यदि कोई कॉमर्शियल एक्टिविटी की जा रही है तो वह भी अच्छी चलेगी।
पूरे भूखण्ड में बेसमेंट नहीं बनवाएं। आदर्श स्थिति यह है कि आप करीब एक-चौथाई आकार में ही बेसमेंट का निर्माण करें।
यदि अंडरग्राउंड पानी का टैंक भी बना है तो बेसमेंट को उससे उचित दूरी पर रखें, नहीं तो आपके बेसमेंट में सीलन की समस्या आ सकती है।
गौरतलब है कि बेसमेंट में घर का स्टोर रूम बनाया जा सकता है। इसमें किचन या पूजा कक्ष नहीं बनाएं। साथ ही बेसमेंट की दीवारों पर लकड़ी का काम नहीं करवाएं। जहां तक संभव हो, इसके निर्माण में पत्थर का ही उपयोग करें।
सेमी बेसमेंट बनवाएं, यानी करीब 6 फीट जमीन के अंदर और 3-4 फीट जमीन के ऊपर। इससे न सिर्फ बेसमेंट में रोशनी और हवा का प्रबंध होगा, बल्कि इसमें यदि कोई कॉमर्शियल एक्टिविटी की जा रही है तो वह भी अच्छी चलेगी।
पूरे भूखण्ड में बेसमेंट नहीं बनवाएं। आदर्श स्थिति यह है कि आप करीब एक-चौथाई आकार में ही बेसमेंट का निर्माण करें।
यदि अंडरग्राउंड पानी का टैंक भी बना है तो बेसमेंट को उससे उचित दूरी पर रखें, नहीं तो आपके बेसमेंट में सीलन की समस्या आ सकती है।
गौरतलब है कि बेसमेंट में घर का स्टोर रूम बनाया जा सकता है। इसमें किचन या पूजा कक्ष नहीं बनाएं। साथ ही बेसमेंट की दीवारों पर लकड़ी का काम नहीं करवाएं। जहां तक संभव हो, इसके निर्माण में पत्थर का ही उपयोग करें।
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