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नकली हेलमेट का इस्तेमाल खुदकुशी जैसा कदम

– चालान से बचने के लिए सिर्फ 80 से 150 रुपए के नकली हेलमेट की खरीददारी- नकली हेलमेट दुर्घटना में हो जाता है चकनाचूर

नीमचFeb 25, 2019 / 09:01 pm

Mahendra Upadhyay

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नकली हेलमेट का इस्तेमाल खुदकुशी जैसा कदम

नीमच। पुलिस का जनवरी माह में ही सड़क सुरक्षा सप्ताह जन समझाइश अभियान समाप्त हुआ है। पुलिस ने लोगों को हेलमेट के लिए जागरूक किया और चालान भी काटे हैं। लेकिन इन सबके बीच एक बड़ी तस्वीर यह सामने आ रही है कि शहर में नकली हेलमेट बचे जा रहे हैं। जो हेलमेट नहीं लाने से भी खतरनाक साबित हो रहें हैं। अच्छी क्वालिटी के बताकर बेचे जा रहे इन हेलमेट की गुणवत्ता को चेक किया जाए तो चौकाने वाली तस्वीर सामने आ सकती है। इन हेलमेट को यदि किसी ने अपने हाथ से गिरा दिया तो यह इतना क्षतिग्रस्त हो जाएगा कि यह पता भी नहीं चलेगा कि यह हेलमेट था भी या नहीं। वह चकनाचूर हो जाता है। इससे भी अंदाजा लगा सकते है कि यह हेलमेट सिर पर होगा तो हादसे में क्या हाल होगा। ऐसे में यह सवाल उठता हैकि इन नकली हेलमेट बेचने वालों को बाजार में कैसे हेलमेट बेचने की इजाजत है।

हेलमेट लेते समय यह रखे ध्यान
असली हेलमेट पर आइएसआई मार्कां सबसे बड़ी पहचान है। यह हेलमेट बनाते समय ही डी प्लस 50 डिग्री और माइन्स 20 डिग्री तापमान से चेक करके देखा जा सकता है। सुरक्षा के लिए इसमें 500 से 520 मिलीमीटर का लेयर होती है। गिरने या इस पर लोहे के सरिया मारने से भी इसे नुकसान होने की संभावना कम रहती है।शहर के मुख्य मार्ग पर सड़क किनारे काफी ठेले पर नकली हेलमेट बेच रहें हैऔर कई तो दुकान पर भी नकली हेलमेट बिक रहें हैं। जिनकी कीमत करीब 70 से 150 रुपए डिजायन के अनुसार है।
बिना आईएसआई मार्कां का हेलमेट लगाना गलत
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 129 के तहत आइएसआई मार्कां वाला हेलमेट पहनना जरूरी है। इसके बावजूद वापुलिसवाहन चालकों के सिर पर केवल हेलमेट देखती है। हेलमेट लागू करने के साथ उसकी गुणवत्ता का ध्यान रखना भी जरूरी है। तब ही उसकी सार्थकता है।
आमजन को भी जागरूक होने की जरूरत
हेलमेट नहीं लगाना यातायात नियमों का उल्लघंन है। जो लोग इसे नहीं लगाते हम उन पर कार्रवाई करते है। जहां तक नकली हेलमेट का सवाल है तो आमजन को इसके लिए स्वयं ही जागरूक होना होगा। जिसके लिए कई बार समझाइश दी जाती है।
– मोहन भर्रावत, प्रभारी यातायात थाना नीमच।
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