देवउठनी ग्यारस (11 नवंबर) से पूरे देश में एक बार फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे
देवउठनी ग्यारस (11 नवंबर) से पूरे देश में एक बार फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। 11 नवंबर को देव प्रबोधिनी या देवउठनी एकादशी के साथ ही फिर से शहनाइयां गूंजेगी। चार माह से देवशयन के कारण मांगलिक कार्यों पर लगा हुआ विराम समाप्त हो जाएगा।
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ये भी पढ़ेः नींबू-लौंग के ये टोटके 24 घंटों में दूर करते हैं आपकी समस्याशादी-विवाह व अन्य सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। देव प्रबोधिनी एकादशी का स्वयंसिद्ध अबूझ सावा होने के कारण बड़ी संख्या में एकल व सामूहिक विवाह होंगे। इसके बाद मलमास लगने से एक बार फिर मंगलकार्यों पर रोक लग जाएगी।
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15 दिसम्बर से शुरू होगा मलमास 15 दिसम्बर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जाएगा। इस के साथ ही मलमास की शुरुआत हो जाएगी। एक बार फिर से मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। इसके बाद 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर ही मांगलिक कार्य शुरू हो पाएंगे।
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नवंबर और दिसम्बर में कब-कब बड़े सावे11 नवंबर – अबूझ मुहूर्त
16 नवंबर – नौ रेखा का सावा
23 नवंबर – सात रेखा का सावा
24 नवंबर – सात रेखा का सावा
25 नवंबर – आठ रेखा का सावा
1 दिसम्बर – छह रेखा का सावा
3 दिसम्बर – नौ रेखा का सावा
8 दिसम्बर – नौ रेखा का सावा
9 दिसम्बर – सात रेखा का सावा
12 दिसम्बर – नौ रेखा का सावा